दमोह जिले में एक अप्रैल से शराब दुकानों के ठेके बदल दिए गए हैं। इस दौरान शहरी क्षेत्र की 16 शराब दुकानों को प्रशासन द्वारा शहर के बाहर किया गया है। लेकिन, इसे लेकर अधिकारियों ने किसी से सुझाव नहीं लिए, जिसका अब लगातार विरोध हो रहा है। जहां पर ये दुकानें खोली जा रही हैं, वह रहवासी क्षेत्र, मंदिर और स्कूल आने-जाने वाले मार्ग पर हैं, ऐसे में लोग विरोध पर उतर आए हैं। स्थानीय लोग कलेक्टर, विधायक और सांसद से मुलाकात कर नई दुकानों को हटाने की मांग कर रहे हैं। बीते गुरुवार को सैकड़ों लोगों ने कलेक्टर और विधायक जयंत मलैया से मुलाकात की।
हैरानी की बात यह है कि अफसरों ने इन दुकानों का स्थान तय करने से पहले लोगों से सुझाव नहीं लिए। एकपक्षीय निर्णय लेते हुए दुकानें खोलने के लिए स्थान निर्धारित कर दिए गए। अब लोग इन दुकानों का विरोध कर रहे हैं। सबसे ज्यादा विरोध बड़ी देवी मंदिर के पास और किल्लाई नाका पर पुराने आरटीओ और बालाकोट तिराहा के पास खोली जा रही शराब दुकान का हो रहा है। बालाकोट तिराहा पर नाले के पास खोली जा रही शराब दुकान के विरोध में स्कूल स्टाफ, व्यापारी, डॉक्टर और पॉश कॉलोनी के रहवासियों ने विधायक जयंत मलैया, कलेक्टर और आबकारी अधिकारी को पत्र सौंपे हैं। विधायक के निवास पर जाकर रहवासियों ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है।
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मंदिर के पास न खुले दुकान
जानकारी के अनुसार, रेलवे स्टेशन के पास संचालित शराब दुकान को हटाकर रोड स्थित ओवरब्रिज के सामने खोला जा रहा है, जिसको लेकर विरोध शुरू हो गया है। बड़ी देवी हजारी मंदिर सार्वजनिक न्यास द्वारा विधायक जयंत मलैया और आबकारी अधिकारी को स्थिति से अवगत कराया गया है। बताया गया कि जहां पर शराब दुकान खोली जा रही है, वह स्थान सीधे मंदिर से जुड़ा हुआ है, जहां श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। इससे यहां शराब दुकान खोले जाने से जनभावनाएं आहत होंगी। नियमानुसार शराब दुकान हाइवे से 100 मीटर अंदर होनी चाहिए, जबकि यहां मुख्य सड़क पर दुकान खोली जाना प्रस्तावित है। इसलिए शराब दुकान को हटाकर नाके के आगे विस्थापित किया जाए।
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अस्पताल, स्कूल मार्ग पर विरोध
शहर के चरहाई बाजार स्थित शराब दुकान को बालाकोट बाइपास चौराहा के पास मुख्य सड़क किनारे विस्थापित किया जा रहा है, जिसको लेकर विरोध शुरू हो गया है। सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल, डॉक्टर सत्येंद्र सिंह, गुरुनानक स्कूल, महर्षि स्कूल के प्राचार्य राजेश दीक्षित ने पत्र में बताया कि जहां पर शराब दुकान खोली जा रही है, वहां पास में ही तीन-चार अस्पताल संचालित हैं। इसी मार्ग पर स्कूल के बच्चे आते-जाते हैं। साथ ही आसपास दो कॉलोनियां और रहवासी क्षेत्र भी हैं। ऐसे में यहां शराब दुकान खोले जाने से स्कूली बच्चों को आने-जाने में खासी मुसीबत होगी। इसी को लेकर लोगों द्वारा विरोध जताया जा रहा है।
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स्थान नहीं बदला जा सकता
इधर, चर्च गेट के सामने भी शराब दुकान प्रस्तावित की गई है, जिसको लेकर स्थानीय लोगों द्वारा विरोध जताया जा चुका है। इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी रविंद्र खरे ने बताया कि कलेक्टर और सीईओ द्वारा बनाई गई कमेटी शराब दुकानों के स्थान तय करती है। जो 16 दुकानें नई जगह पर शिफ्ट की जा रही हैं, उन्हें टीम और कमेटी ने पहले ही तय कर दिया था। इसमें अब कुछ नहीं हो सकता है। जहां पर शराब दुकान खोली जा रही है, उसे आगे-पीछे किया जा सकता है, लेकिन स्थान नहीं बदला जा सकता।