कड़ाके की ठंड में बाहर से शहर में आकर मजदूरी करने वाले, बेसहारा व निर्धन कई लोगों को सहारा नहीं मिलने पर वे शहर के बाजारों में खुले में सोकर रात बिता रहे हैं। उनके पास न तो बिस्तर होते हैं और न ही कम्बल। वे जैसे-तैसे पतली चादर या अन्य कपड़ों का सहारा लेकर रात बिता रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए शहर में अलग-अलग स्थानों पर रैन बसेरे बनाए गए हैं, लेकिन जानकारी के अभाव तथा आईडी प्रूफ नहीं होने या अन्य कारणों से कई लोग रैन बसेरों में नहीं जा पाते हैं। कलेक्टर मिशा सिंह को जब पता चला कि कई लोग कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं और उनकी तबीयत बिगड़ सकती है तो कलेक्टर ने रात में कई इलाकों का भ्रमण किया तथा खुले आसमान के नीचे सो रहे लोगों को रैन बसेरों में भिजवाया।
कलेक्टर मिशा सिंह ने नगर निगम आयुक्त अनिल भाना, एसडीएम शहर आर्ची हरित, तहसीलदार ऋषभ ठाकुर को साथ लेकर मंगलवार की रात भ्रमण किया। उन्होंने शहर के तीन स्थानों महू रोड बस स्टैंड परिसर में प्रथम तल पर, हाथी खाना क्षेत्र में जिला शिक्षा केंद्र कार्यालय के पास तथा सिविक सेंटर के पास निशुल्क आश्रय स्थल (रैन बसेरा) का निरीक्षण किया तथा वहां की व्यवस्थाएं देखीं। कलेक्टर मिशा सिंह ने इन सभी स्थानों पर पलंग, गद्दे, तकिया, चादर, कंबल, बाथरूम में पानी की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था, ठंड के समय में गर्म पानी की व्यवस्था सहित सभी व्यवस्थाओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है, उसका पूरा उपयोग सुनिश्चित होना चाहिए। जिला चिकित्सालय के बाहर मेडिकल स्टोर के ओटले पर कुछ लोग सोते हुए दिखने पर मौके पर ही गाड़ी रुकवा कर शासकीय वाहन के माध्यम से रैन बसेरे में शिफ्ट कराया।
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कलेक्टर मिशा सिंह ने निर्देशित किया कि बस स्टैड एवं रेलवे स्टेशन सहित मुख्य स्थानों पर अलाव की व्यवस्था भी की जाए। किसी भी स्थिति में आर्थिक परेशानी के कारण ठंड में किसी को भी रुकने में समस्या का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने नगर निगम आयुक्त एवं तहसीलदार को निर्देशित किया कि नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा रात्रि में भ्रमण करके बाहर सो रहे लोगों को रैन बसेरे में शिफ्ट कराया जाए अन्यथा लोगों के खुले में सोने की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। आश्रय स्थल पर महिलाओं के लिए पृथक कक्ष की व्यवस्था उपलब्ध होना पाई गई। आश्रय स्थल पर रुके हुए लोगों से उन्होंने चर्चा कर जानकारी ली तो लोगों द्वारा व्यवस्था के प्रति पर्याप्त संतोष जताया गया। उन्होंने आश्रय स्थल के आसपास के स्थान पर बोर्ड लगाने, साइनेज लगाने तथा पर्याप्त प्रचार प्रसार करने के निर्देश भी दिए।