रीवा जिले की जवा तहसील में शनिवार शाम एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। बरहटा-भनिगंवा मार्ग पर उफनती महाना नदी ने एक गर्भवती महिला और उसके अजन्मे शिशु की जान ले ली। 24 वर्षीय प्रिया रानी कोल को प्रसव पूर्व जटिलता होने पर परिजन उसे जवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में उफनती नदी उनकी उम्मीदों को बहा ले गई।
कैसे हुआ हादसा?
शनिवार को हुई तेज बारिश के बाद महाना नदी उफान पर आ गई। पुल पर पानी भर गया और उसकी अप्रोच सड़क पूरी तरह जलमग्न हो गई थी। प्रिया को अस्पताल पहुंचाने के लिए परिजनों ने बोलेरो वाहन का सहारा लिया, लेकिन नदी के समीप गाड़ी कीचड़ और तेज बहाव में फंस गई। लगातार दो घंटे तक प्रिया दर्द से कराहती रही। परिवार ने मदद के लिए कई बार आवाज लगाई, लेकिन तेज बारिश और पानी की गर्जना में उनकी पुकार दब गई।
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12 किलोमीटर की दूरी बनी 40 किलोमीटर का सफर
जवा अस्पताल की दूरी महज 12 किलोमीटर थी, लेकिन बाढ़ ने मुख्य मार्ग बंद कर दिया। मजबूर परिजनों ने वैकल्पिक मार्ग की तलाश में लगभग 40 किलोमीटर का चक्कर लगाया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इसी बीच एक झोलाछाप डॉक्टर को बुलाया गया, जिसने महिला और अजन्मे शिशु दोनों को मृत घोषित कर दिया।
आपदा प्रबंधन पर उठे सवाल
यह दर्दनाक हादसा स्थानीय प्रशासन की आपदा प्रबंधन तैयारियों की पोल खोलता है। महाना नदी जैसी छोटी लेकिन अनियंत्रित जलधाराएँ बारिश के दौरान अचानक खतरा बन जाती हैं, लेकिन न तो पूर्व चेतावनी जारी की जाती है, न ही वैकल्पिक मार्गों या एंबुलेंस जैसी आपात सेवाओं की पर्याप्त व्यवस्था रहती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बरसात के मौसम में नदी-पुलों की निगरानी बढ़ाई जाए और स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए सुरक्षित मार्गों व बोट-रेस्क्यू जैसी सुविधाओं को दुरुस्त किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोका जा सके।