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Sagar District Panchayat President Hirasingh Rajput danced with lions, know what is the unique tradition
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Sagar News: शेरों के साथ नाचे जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत, जानिए क्या है अनोखी परंपरा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर Published by: सागर ब्यूरो Updated Fri, 11 Oct 2024 07:52 AM IST
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सागर के जिला पंचायत अध्यक्ष ने अनोखी परंपरा का निर्वहन किया। मंत्री गोविंद राजपूत के मझले भाई और जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह गुरुवार को जैसीनगर पहुंचे, जहां नवरात्रि में होने वाले शेर नृत्य कार्यक्रम को देखने के लिए पहुंच गए। इस अनूठी परंपरा को देख वे अपने आपको रोक नहीं पाए, और शेरो के साथ जमकर नाचे। इस दौरान उन्होंने पुरानी परंपरा को कायम रखने और शेर का वेश रखे युवाओं के प्रोत्साहन के लिए अपनी ओर से 5000 देने की बात कही।
दरअसल नवरात्रि पर अलग-अलग तरह से श्रद्धालु माता की आराधना करते हैं। ऐसे ही बुंदेलखंड में सदियों पुरानी शेर नृत्य की परंपरा है। शेर को माता की सवारी कहा जाता है, इसलिए यह सवारी के रूप में कलाकार नृत्य करते हैं। गांव के लोग भी इनकी आवभगत करते हैं। ढोल नगाड़ों की थाप पर नृत्य करने की यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। शेर नृत्य की सवारी के साथ में माता का एक खप्पर भी चलता है, जिसमें जगह-जगह पर गंधक लोभान का होम लगाया जाता है. फिर इससे जो धुआं निकलता है, उसे बच्चों को दिखाया जाता है। उसके ऊपर से घुमाया जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से बुरी बलाओं का साया दूर हो जाता है और बच्चों को जो नजर लगी होती है वह भी हट जाती है।
बता दें कि सदियों पुरानी यह परंपरा एक तरफ जहां शहरों में दम तोड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्र के पुराने लोग इन विलुप्त होती परंपराओं को बचाने के प्रयास में जुटे हैं। शेर नृत्य करने वाले लोग अपने पूरे शरीर पर पीले रंग का कलर पोते हुए रहते हैं. शरीर पर धारियां बनवाते हैं. हाथों में मोर पंख होता है तो वहीं सिर पर शेर का मुखौटा या शेर जैसी टोपी लगाए रहते हैं।
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