DAP खाद की किल्ल्त से किसान परेशान हो रहे हैं और खाद लेने के लिए सागर जिले भर के वितरण केंद्रों पर किसानों का जमावड़ा लग रहा है। लेकिन फिर भी प्रशासन खाद की मांग के अनुरूप पूर्ति करने में असफल सिद्ध हो रहा है, जिससे किसानों में धीरे-धीरे आक्रोश पनप रहा है।
खरीफ फसल की कटाई होने के बाद रवि सीजन की खेती करने के लिए किसानों ने तैयारी शुरू कर दी है। उनके लिए फसलों की बुवाई करनी है। लेकिन बीज के साथ में डाले जाने वाला डीएपी और यूरिया की भारी कमी देखी जा रही है। समितियां पर और खाद्य वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी-लंबी लाइन लगी है। चार-चार 6-6 घंटे इंतजार करने के बाद उनका नंबर आ रहा है और एक एकड़ पर एक बोरी खाद दिया जा रहा है। सागर में दशहरे के दिन 13,000 टन की एक रैक आई है, जिसके बाद 15 समितियां के लिए और खाद्य वितरण केंद्रों पर डीएपी भेजा गया है, जिसका वितरण किया जा रहा है। किसानों ने बताया कि वह 30 से 40 किलोमीटर दूर तक से आए हैं और अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं। इस बार यूरिया के बदले नैनो यूरिया की बोतल थमाई जा रही है।
जिला विपणन अधिकारी राखी रघुवंशी ने बताया कि कल ही खाद की सप्लाई केंद्रों पर की गई है। इसलिए किसानों की भीड़ देखी जा रही है। उनके लिए पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ में एनपीके और नैनो यूरिया भी दिया जा रहा है।
बता दें कि सागर जिले में करीब तीन लाख किसान हैं, जिनके लिए इस बार 38 हजार टन डीएपी की जरूरत है। लेकिन अभी तक सागर जिले के लिए 6,000 टन डीएपी ही उपलब्ध हो पाया।अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में एक रैक 4000 टन की आई है। इस तरह से अभी तक 10,000 टन खाद मिल गया है। किसानों की जो डिमांड है, वह पूरे सीजन के लिए है। किसानों को इस बार ग्रामोर खाद दिया जा रहा है, वह भी बहुत अच्छा है। नैनो यूरिया का स्प्रे से छिड़काव किया जाता है, जब पौध तैयार हो जाता है।
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