मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के जतारा ब्लॉक के मरगुवा गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गांव के प्राथमिक सरकारी स्कूल में नियुक्त प्रधानाध्यापक अरविंद सिंह दांगी को बच्चों और ग्रामीणों ने आज तक स्कूल आते नहीं देखा। तीन वर्षों से शिक्षक की अनुपस्थिति के बावजूद उन्हें प्रतिमाह वेतन मिलता है। अरविंद सिंह ने अपने स्थान पर एक अन्य युवक को पढ़ाने के लिए नियुक्त कर रखा है, जिसे वे मेहनताना देते हैं।
गांव के निवासी हिमांशु ने इस मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों से कई बार की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः उन्होंने इस साल मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बावजूद कोई कदम न उठता देख हिमांशु ने अरविंद सिंह से फोन पर संपर्क कर स्कूल न आने का कारण पूछा। इसके जवाब में अरविंद सिंह ने उन्हें धमकी दी और दुर्व्यवहार किया। साथ ही कहा कि अभी तुम जानते नहीं हो कि मेरी पहुंच कहां तक है। इस बातचीत का ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत के प्राथमिक सरकारी स्कूल में अरविंद सिंह दांगी की नियुक्ति लगभग तीन साल पहले हुई थी, लेकिन वे स्कूल में कभी नहीं आते। प्रधानाध्यापक हीरालाल लोधी का ने बताया कि उन्होंने अरविंद सिंह की अनुपस्थिति की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि उपस्थिति रजिस्टर में अरविंद सिंह की उपस्थिति दर्ज होती है, लेकिन जब उन्होंने जांच की तो चार दिनों से उनके हस्ताक्षर नहीं थे। आशंका जताई जा रही है कि उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर वही व्यक्ति करता है, जिसे ठेके पर पढ़ाने के लिए रखा गया है।
सूत्रों के अनुसार, जतारा ब्लॉक के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के कई सरकारी स्कूलों में भी यही स्थिति है, जहां शिक्षक स्कूल का काम ठेके पर दे देते हैं और स्वयं अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं। अरविंद सिंह के बारे में बताया गया है कि वे सागर जिले के निवासी हैं और उन्हें तीन साल पहले मरगुवा में नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने कभी स्कूल में पढ़ाने का काम नहीं किया। इस संबंध में अरविंद सिंह से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि मेरे पिता की तबीयत खराब है, इस कारण मैं बाहर हैं। अपने ऊपर लग रहे आरोपों को लेकर अरविंद ने कहा कि गांव के कुछ शराबी लोग उन्हें सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से परेशान कर रहे हैं।