वह दौर जब उज्जैन की सुबह मिलों के सायरन से गूंजती थी और आसमान में धुआं उगलती ऊंची चिमनियाँ शहर की समृद्धि का प्रतीक बनती थीं, अब हमेशा के लिए इतिहास बन गया। विवेकानंद कॉलोनी स्थित लौटी स्कूल परिसर में खड़ी लगभग 150 फीट ऊंची मिल की चिमनी को नगर निगम ने विस्फोट के जरिए ध्वस्त कर दिया।
यह चिमनी कभी शहर की औद्योगिक धड़कन का हिस्सा थी, जिसके साये में हजारों मजदूरों का जीवन चलता था। क्षेत्र के बुजुर्ग निवासियों के अनुसार, यह चिमनी शहर की नजर अली मिल की इकाई के रूप में संचालित फ्लोवर मिल का हिस्सा थी। जर्जर अवस्था के कारण इसे अब सुरक्षा की दृष्टि से गिराना आवश्यक था।
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इंदौर के विस्फोटक विशेषज्ञ शरद सरवटे के निर्देशन में 16 किलो विस्फोटक की मदद से चिमनी को कुछ ही पलों में मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया गया। प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में बटन दबते ही यह विशालकाय ढांचा धराशायी हो गया।
इस घटना के साथ ही 'मिलों के शहर' उज्जैन की औद्योगिक पहचान का एक और प्रतीक हमेशा के लिए समाप्त हो गया। अब बस किस्से ही रह गए हैं कि कैसे कभी इन चिमनियों के धुएँ से उज्जैन की अर्थव्यवस्था महकती थी।