भीलवाड़ा जिले की गंगापुर थाना पुलिस ने गुरुवार को हाईवे पर लूटपाट करने की योजना बना रहे एक गिरोह का खुलासा किया। गिरोह में दो युवतियां भी शामिल हैं, जो ड्राइवरों को फंसाने का काम करती थीं। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो पिस्टल, बेसबॉल का डंडा, हॉकी स्टिक और तीन बाइकें बरामद की हैं। यह कार्रवाई डीएसटी (डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम) से मिले इनपुट के आधार पर की गई।
गंगापुर थाना प्रभारी लीलाधर मालवीय ने बताया कि गुरुवार को सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध लोग भीलवाड़ा-उदयपुर नेशनल हाईवे संख्या 758 पर चौधरी होटल के पास रावण मंगरी लिंक रोड के पास झाड़ियों में छिपे हुए हैं। वे ट्रक ड्राइवरों और अन्य राहगीरों से लूटपाट करने की योजना बना रहे हैं। इस सूचना पर एएसआई रज्जाक मोहम्मद के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर झाड़ियों में छिपे छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें दो युवतियां भी शामिल हैं। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह हाईवे पर रात के समय वाहनों को रुकवाकर ड्राइवरों को लूटने की फिराक में था।
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ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस के अनुसार, गिरोह की महिलाएं हाईवे पर खड़ी होकर टॉर्च की रोशनी डालती थीं, जिससे वाहन चालक भ्रमित होकर रुक जाता। इसके बाद युवतियां ड्राइवर से दोस्ती और शारीरिक संबंध बनाने का लालच देकर उसे सुनसान इलाके में ले जाती थीं, जहां पहले से मौजूद बदमाश ड्राइवर से मारपीट कर लूटपाट करते थे। यह गिरोह हनी ट्रैप की तर्ज पर काम करता था।
ये आरोपी गिरफ्तार
मनमोहन सिंह (30) निवासी कोशीथल, केसर जाट (36) निवासी कमुनियों, नारायण शर्मा (24) निवासी पोस्ट ऑफिस कॉलोनी गंगापुर, कैलाश गुर्जर (19) निवासी चमनपुरा, पायल (21) निवासी पॉसल, संगीता (22) निवासी घरवाना। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ प्रकरण संख्या 189/2025 के तहत धारा 310(4), 310(5) बीएनएस और 3/25 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
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आरोपियों पर पहले से केस दर्ज
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि गिरफ्तार आरोपी केसर जाट, मनमोहन सिंह और कैलाश गुर्जर पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। इन पर लूट, चोरी, बलात्कार और मारपीट जैसे गंभीर अपराधों में मामले दर्ज हैं। यह गिरोह पूर्व में भी हनी ट्रैप जैसी घटनाओं में संलिप्त पाया गया है।
हो सकते हैं और खुलासे
पुलिस अब गिरोह के अन्य साथियों की तलाश में जुट गई है। साथ ही इनके मोबाइल फोन, कॉल डिटेल्स और पुराने मामलों को खंगाला जा रहा है। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह ने पहले भी कई वारदातों को अंजाम दिया होगा।