कोटा पुलिस ने साइबर ठगी के मास्टर माइंड दीपक मीणा को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। आरोपी ने देशभर में लगभग 300 युवतियों को अपने जाल में फंसाया और काम दिलाने के नाम पर उनसे रुपए ऐंठे। इसके लिए उसने सोशल मीडिया पर दो फर्जी अकाउंट बनाए और वीडियो के जरिए युवतियों को अपने पेज पर आकर्षित किया। आरोपी महिला बनकर उनसे बातचीत करता था। पुलिस ने ठगी के लिए फर्जी सिम उपलब्ध कराने वाले आरोपी भोला को भी गिरफ्तार किया।
साइबर थाना इंचार्ज सतीशचंद्र ने बताया कि दीपक मीणा मूल रूप से कोटा जिले के झाड़ गांव का निवासी है। उसके पिता हंसराज मीणा सरकारी शिक्षक हैं। दीपक ने भरतपुर के निजी कॉलेज से बीटेक किया और फिर मुंबई में अप्रेंटिसशिप की। मुंबई और पुणे में प्रोडक्शन हाउस में असिस्टेंट कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में काम करने के दौरान उसने युवतियों को झांसे में लेने का तरीका सीख लिया।
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दीपक ने सोशल मीडिया पर व्हाइट स्टूडियो कास्टिंग और 2000 कास्टिंग कंपनी के नाम से फर्जी अकाउंट बनाए और युवतियों से रोल दिलाने के नाम पर ठगी शुरू कर दी। 2023 में मुंबई छोड़कर जयपुर आने के बाद उसने नंदिनी श्रीकेट और यश नगरकोटी नाम से फर्जी व्हाट्सएप बिजनेस अकाउंट बनाए। पुलिस के अनुसार दीपक पहले भी युवती को भगा लेने के मामले में पकड़ा गया था, जिसमें दुष्कर्म का प्रकरण भी दर्ज था। जेल से बाहर आते ही उसने साइबर ठगी का काम शुरू कर दिया।
पुलिस ने बताया कि दीपक ने कोटा के निवासी भोला से दोस्ती की और उसे कॉलिंग के लिए अलग-अलग नाम से सिम दिलवाने के एवज में मोटी रकम देने का लालच दिया। भोला शराब का आदी था, इसलिए उसने अपनी पत्नी और रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी सिम जारी कर दी। इसके अलावा दीपक सीधे अपने खाते में पैसे नहीं डालवाता था, बल्कि पहले ई-मित्र संचालक के खातों में पैसे डालकर वहां से नगद राशि लेता था।
बहरहाल पुलिस ने इस तथाकथित कास्टिंग डायरेक्टर को हिरासत में ले लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।