नागौर जिले के खींवसर उपखंड के बिरलोका गांव में एक झोलाछाप डॉक्टर की कथित लापरवाही ने 12 वर्षीय मासूम महिपाल सिंह की जान ले ली। बुखार की शिकायत पर इंजेक्शन लगाते ही बच्चे की हालत बिगड़ गई और सात दिन तक चले इलाज के बाद जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया। मौत की खबर मिलते ही आरोपी झोलाछाप डॉक्टर गिरधारी चौधरी (माचरा) मौके से फरार हो गया। गुस्साए परिजनों ने बच्चे का शव क्लिनिक के बाहर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और शाम 5 बजे से धरने पर बैठ गए। वे आरोपी की गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
यह मामला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के गृह विधानसभा क्षेत्र का है, जहां लापरवाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग की निगरानी पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला आम है, जो बिना योग्यता के गंभीर मरीजों का इलाज करते हैं और कई बार जानलेवा साबित होते हैं।
जानकारी के अनुसार, 12 दिसंबर की सुबह महिपाल सिंह को तेज बुखार हुआ। पिता रघुवीर सिंह उसे गांव के गोविंद मेडिकल स्टोर पर ले गए, जहां झोलाछाप डॉक्टर गिरधारी चौधरी ने बिना पूरी जांच के इंजेक्शन लगा दिया। परिजनों का आरोप है कि इंजेक्शन लगते ही बच्चे की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। वह बेहोश होने लगा और सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
हालत बिगड़ते देख आरोपी डॉक्टर खुद परिजनों के साथ बच्चे को पहले ओसियां के एक निजी अस्पताल ले गया। वहां हालत में सुधार नहीं हुआ तो जोधपुर के श्रीराम हॉस्पिटल में भर्ती कराया। 13 दिसंबर की शाम तक भी कोई राहत नहीं मिली, जिसके बाद बच्चे को जोधपुर के ही उम्मेद अस्पताल में शिफ्ट किया गया। लगातार इलाज के बावजूद 18 दिसंबर को महिपाल ने अस्पताल में अंतिम सांस ली।
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मौत की सूचना मिलते ही आरोपी गिरधारी चौधरी अस्पताल से फरार हो गया। परिजन शव लेकर बिरलोका गांव पहुंचे और क्लिनिक के बाहर शव रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों का हुजूम भी जुड़ गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि गलत इंजेक्शन और लापरवाही भरे इलाज से बच्चे की जान गई। वे मांग कर रहे हैं कि झोलाछाप डॉक्टर पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो और उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
इस घटना ने पूरे गांव में आक्रोश पैदा कर दिया है। परिजनों का कहना है कि गरीबी और सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण वे मजबूरन ऐसे झोलाछापों के भरोसे जाते हैं। मंत्री के क्षेत्र में ऐसी दूसरी घटना होने से राजनीतिक माहौल भी गरमा सकता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन आरोपी अभी फरार है।