प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटू श्यामजी में इन दिनों एक के बाद एक विवाद सामने आ रहे हैं। अभी दुकानदारों और व्यापारियों के बीच हुई मारपीट की घटना का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब एक नया विवाद प्रशासन और नगरवासियों के बीच खड़ा हो गया है। दर्शन व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदम अब आमजन के लिए परेशानी का कारण बनते जा रहे हैं।
शनिवार को कस्बे के मोदी चौक क्षेत्र में लोहे का गेट लगाए जाने की कार्यवाही से स्थानीय नागरिकों में आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में कस्बेवासी मौके पर एकत्रित हो गए और इसका विरोध किया। लोगों का कहना है कि प्रशासन दर्शन को “सुगम” बनाने के नाम पर आम नागरिकों को उनके ही घरों में कैद करने जैसा व्यवहार कर रहा है। थानाधिकारी पवन चौबे मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन विरोध इतना तीव्र था कि पुलिस प्रशासन को कार्य रोककर बैरंग लौटना पड़ा।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर के कई स्थानों पर प्रशासन द्वारा लोहे के गेट लगाए जा चुके हैं। जहां कहीं भी गेट लगे हैं, वहां से निकलना लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। आमजन को अपने रोजमर्रा के कामों जैसे स्कूल, कॉलेज, दुकान, अस्पताल या दफ्तर जाने में रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है।
आपातकालीन स्थिति में परेशानी
कस्बेवासियों ने बताया कि ऐसी व्यवस्था आपातकालीन स्थिति में और भी खतरनाक हो सकती है। यदि किसी घर में बीमार व्यक्ति हो या अचानक अस्पताल ले जाना हो, तो गेट बंद होने के कारण समय पर इलाज मिलना कठिन हो जाता है।
आधार कार्ड दिखाने पर भी नहीं मिलती छूट
स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा कई बार आधार कार्ड दिखाने के बावजूद उन्हें जाने नहीं दिया जाता। कुछ ने कहा कि “हम अपने ही घरों में बंद होकर रह गए हैं। यह व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए है या फिर नागरिकों को सजा देने के लिए, समझ नहीं आ रहा।
पढ़ें: देशभर में 16वां रोजगार मेला: अजमेर में 118 अभ्यर्थी हुए लाभान्वित, केंद्रीय मंत्री ने सौंपे नियुक्ति पत्र
प्रशासन की सफाई
प्रशासन की ओर से बताया गया है कि दर्शन के समय भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है। विशेषकर भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में गेट लगाकर दर्शनार्थियों को एक तय दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है, ताकि अव्यवस्था न फैले। हालांकि नागरिकों की परेशानी को देखते हुए इस व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।
नागरिकों की मांग
नगरवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि दर्शन व्यवस्था के नाम पर आमजन को परेशान न किया जाए। यदि गेट लगाने जरूरी हों, तो वैकल्पिक रास्ते और स्थानीय लोगों के लिए पास जैसी कोई व्यावहारिक व्यवस्था की जाए। खाटू श्यामजी में लाखों श्रद्धालु हर महीने आते हैं, लेकिन स्थायी रूप से रहने वाले नागरिकों की सुविधाओं की अनदेखी अब विवाद का कारण बनती जा रही है। यदि समय रहते समाधान नहीं किया गया तो यह टकराव और बढ़ सकता है।