सिरोही जिले के भैंससिंह गांव में एक ऐतिहासिक मंदिर स्थित है, जिसे अमरनाथ महादेव के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर 11वीं और 12वीं शताब्दी का माना जाता है और लगभग 50 साल पहले खुदाई के दौरान खोजा गया था।
मंदिर की खोज और जीर्णोद्धार
संत मंगलदास महाराज को 1975 में एक स्वप्न आया, जिसमें उन्हें बताया गया कि मिट्टी के नीचे एक प्राचीन मंदिर और शिवलिंग दबा हुआ है। जब ग्रामीणों ने खुदाई की, तो यह मंदिर, एक प्राचीन बावड़ी और कई मूर्तियां सामने आईं। बाद में, 1985 में महंत ओंकारदास महाराज के मार्गदर्शन में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। पुराने स्तंभों और अन्य हिस्सों को जोड़कर मंदिर को फिर से स्थापित किया गया।
बावड़ी का रहस्य
मंदिर परिसर में स्थित एक प्राचीन बावड़ी विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र है। कहा जाता है कि यह बावड़ी कभी सूखती नहीं, चाहे कितना भी अकाल क्यों न हो। सुरक्षा के लिए बावड़ी के चारों ओर लोहे की जालियां और गेट लगाए गए हैं।
अन्य विशेषताएं
मंदिर परिसर में कई छोटे-छोटे मंदिर भी मौजूद हैं, जो खुदाई में मिले थे। इसके अलावा, यहां एक गौशाला भी संचालित की जाती है। पास की पहाड़ी पर भगवान सूर्य की प्राचीन प्रतिमा और 11,111 शिवलिंग स्थापित किए गए हैं। श्रावण मास और महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे माहौल किसी मेले जैसा हो जाता है।