देशभर में मौजूदा सुरक्षा परिस्थितियों को देखते हुए उदयपुर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से अहम निर्णय लिए हैं। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने जिले की सीमाओं में ड्रोन उड़ाने और आतिशबाजी करने पर 15 मई तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 भी लागू कर दी गई है।
कलेक्टर मेहता ने बताया कि आर्मी एरिया, डबोक एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, गैस फैक्ट्री, हिंदुस्तान जिंक और ऐतिहासिक धरोहरों जैसे स्थानों पर संभावित खतरे की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि शादी-ब्याह जैसे आयोजनों में अतिरिक्त रोशनी और पटाखों से परहेज किया जाए। अगर ब्लैकआउट जैसी आपात स्थिति उत्पन्न होती है, तो आयोजकों को तत्काल बिजली बंद करने और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
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प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों, प्रमुख पर्यटन स्थलों, बाजारों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त निगरानी रखने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही सायरन सिस्टम को प्रभावी और व्यापक बनाने की बात कही गई है ताकि आमजन को समय पर सूचित किया जा सके। धार्मिक स्थलों, बांधों, रिफाइनरियों और बिजलीघरों जैसी रणनीतिक महत्व की जगहों की सुरक्षा के लिए संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया गया है। साइबर हमलों की आशंका को देखते हुए कंप्यूटर आधारित बिजली आपूर्ति और जल प्रबंधन प्रणालियों की निगरानी के आदेश भी जारी किए गए हैं। जिला प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे इन निर्देशों का गंभीरता से पालन करें, किसी भी तरह की अफवाह से बचें और शांति बनाए रखने में सहयोग करें।
चित्तौड़गढ़ जिले में दो किलोमीटर तक नो-ड्रोन जोन घोषित
वर्तमान आपातकालीन हालात के चलते जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट आलोक रंजन ने चित्तौड़गढ़ जिले के कई महत्वपूर्ण स्थलों को 'नो ड्रोन जोन' घोषित किया है। पुलिस अधीक्षक के पत्र का हवाला देते हुए जारी इस आदेश में सुरक्षा कारणों से ड्रोन संचालन पर निषेधात्मक आदेश लागू किए गए हैं।
न्यूक्लियर पावर प्लांट रावतभाटा (एनपीसीआईएल), न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स (एनएफसी), हेवी वॉटर प्लांट, राणा प्रताप सागर डैम, हाईड्रोलिक पॉवर प्रोजेक्ट, इंडियन ऑयल टर्मिनल जालमुपरा, श्री सांवलियाजी मंदिर, चित्तौड़ दुर्ग और सैनिक स्कूल को नो ड्रोन जोन घोषित करते हुए इन सभी स्थानों के दो किलोमीटर के दायरे में ड्रोन संचालन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।
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आदेश के अनुसार, जिले की राजस्व सीमा में किसी भी स्थान पर उपखंड मजिस्ट्रेट से पूर्व स्वीकृति लिए बिना ड्रोन संचालन नहीं किया जा सकेगा। यह प्रतिबंध सेना, पुलिस, रेलवे, होमगार्ड और कानून व्यवस्था में लगे सरकारी अधिकारियों पर लागू नहीं होगा। वहीं, धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में 10 मीटर तक छूट दी गई है, ताकि फोटोग्राफी के लिए ड्रोन का सीमित उपयोग हो सके। हालांकि आदेश की अवहेलना करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है और अगले दो महीने तक प्रभावी रहेगा। जिला प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अपने क्षेत्र में किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना संबंधित अधिकारियों को दें।