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VIDEO : धूल-धुएं से बढ़ा नाक-कान में संक्रमण, बदल रही आवाज...जानें क्या कहते हैं चिकित्सक
हवा में बढ़ते कार्बन और धूल के अतिसूक्ष्म कणों से नाक-कान का संक्रमण बढ़ रहा है। लंबे समय तक ऐसे माहौल में रहने से स्वर यंत्र प्रभावित हो रहे हैं। इससे आवाज बदलना, साइनस की दिक्कत बन रही है। प्रदूषित शहरों में ऐसे 3 से 5 फीसदी मरीजों में दिक्कत मिल रही है। ये बातें फतेहाबाद रोड स्थित होटल में इंडियन सोसाइटी ऑफ ओटोलॉजी की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कही।
मुंबई से आए इंडियन ईएनटी सर्जंस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. समीर भार्गव ने कहा कि कारखाने-वाहनों के धुएं, पराली जलाने, प्लास्टिक कचरा जलाने और अन्य कारणों से हवा में कार्बन, लेड, सल्फर समेत अन्य घातक गैसों की दर बढ़ गई है। इससे नाक, कान, फेफड़े की नलिकाएं प्रभावित हो रही हैं। संक्रमण भी बढ़ रहा है।
प्रदूषण से नलिकाएं संकुचित होने से गांठ बन रही है। असर स्वरयंत्र पर पड़ने से आवाज भारी होना, आवाज कम निकलना, आवाज में झन्नाहट, आवाज फटने जैसी परेशानी हो रही हैं। इनमें दवाओं से मरीज ठीक हो जाते हैं, 25-30 फीसदी में सर्जरी की जरूरत पड़ रही है।
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