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VIDEO: समय-सारिणी में संशोधन की मांग को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन
बहराइच। रूपईडीहा डिपो से हरिद्वार डिपो जाने वाले चालक-परिचालकों ने वर्तमान समय-सारिणी से असंतुष्ट होकर क्षेत्रीय सहायक प्रबंधक राम प्रकाश को ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों का कहना है कि जब रूपईडीहा डिपो का गठन नहीं हुआ था, उस समय बहराइच डिपो द्वारा बनाई गई समय-सारिणी आज भी लागू है, जिससे अब आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
चालकों-परिचालकों के अनुसार, हरिद्वार में रूपईडीहा डिपो की बसों को सुबह 10 से 12 के बीच का समय दिया गया है। इस समय सवारियां नहीं मिल पातीं, जबकि 2 बजे के बाद हरिद्वार डिपो की बसें सवारियां भरकर रूपईडीहा पहुंचती हैं। इसी तरह रूपईडीहा में भी रूपईडीहा डिपो की हरिद्वार जाने वाली बसों का समय सुबह 10 से 12 के बीच है, जिस कारण यहां से भी बसें खाली ही रवाना होती हैं। इससे कर्मचारियों को आर्थिक क्षति झेलनी पड़ रही है।
कर्मचारियों ने बताया कि जब तक रूपईडीहा में बस अड्डा नहीं था और संचालन बहराइच डिपो से होता था, तब दोनों डिपो के लिए एक साझा समय-सारिणी बनाई गई थी। उसी आधार पर वर्षों तक संचालन चला। अब रूपईडीहा डिपो के गठन के बाद बसों की संख्या और संचालन में भारी वृद्धि हुई है, लेकिन समय-सारिणी में कोई संशोधन नहीं किया गया।
कर्मचारियों के मुताबिक पहले बहराइच डिपो की करीब 27 बसें रूपईडीहा से संचालित होती थीं, जबकि अब रूपईडीहा डिपो से लगभग 70 बसों का संचालन हो रहा है। पुरानी समय-सारिणी के कारण कई बार बसें यहां से खाली जाती हैं और उत्तराखंड से भी खाली लौटती हैं। सवारियां न मिलने से घाटा होता है और समय-सारिणी के पालन में कठिनाई आने पर कई मामलों में लगभग ₹2500 तक की पेनल्टी कर्मचारियों के वेतन से काट ली जाती है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि उत्तराखंड डिपो को रूपईडीहा डिपो में वही समय दिया जाए, जो समय रूपईडीहा डिपो की बसों को उत्तराखंड में मिलता है। इससे दोनों डिपो को समान रूप से सवारियां मिलेंगी और किसी भी पक्ष को नुकसान नहीं होगा।
इंप्लाइज यूनियन रूपईडीहा शाखा के अध्यक्ष अरुण तिवारी, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद रूपईडीहा शाखा के अध्यक्ष हरेंद्र यादव और संविदा कर्मचारी संघ के आफताब कुरैशी ने मांग का समर्थन करते हुए कहा कि समय-सारिणी में संतुलन से कर्मचारियों का शोषण रुकेगा और संचालन सुचारु होगा।
कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि उत्तराखंड डिपो की कुछ बसें रूपईडीहा पहुंचकर कस्बे के बाहर ही सवारियां उतार देती हैं, जिससे विशेषकर नेपाल से आने वाली सवारियों का रिक्शा चालकों द्वारा शोषण होता है। इस संबंध में पहले भी रूपईडीहा थाने में प्रार्थना पत्र दिया गया था कि सभी बसें सवारियों को सीधे रूपईडीहा डिपो परिसर में ही उतारें, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कर्मचारियों ने प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि सभी डिपो की बसें अनिवार्य रूप से सवारियों को रूपईडीहा डिपो में ही उतारें और समय-सारिणी में आवश्यक संशोधन किया जाए, ताकि संचालन संतुलित हो और कर्मचारियों व यात्रियों—दोनों को राहत मिल सके।
ज्ञापन देने वालों में मोहित मिश्रा, रोशन लाल, अमन कुमार, मोहित शुक्ला, सुमंत चौहान, राम अनुज, नफीस, धर्मेंद्र सिंह, अवधेश दीक्षित, महमूद आलम, रामनिवास मिश्रा, राहुल सिंह, राम पासवान, दीनानाथ, सुबोध सोनी, सुधीर मिश्रा, अब्दुल मुकीद, मनोज तिवारी सहित दर्जनों कर्मचारी मौजूद रहे।
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