{"_id":"68eba58bfeba4824d20ed951","slug":"video-video-shahara-ma-pahal-bra-patha-sacalna-ma-26-shakhao-ka-thakha-athabhata-samagama-savagata-ma-haii-pashhapavarashha-2025-10-12","type":"video","status":"publish","title_hn":"VIDEO: शहर में पहली बार पथ संचलन में 26 शाखाओं का दिखा अद्भुत समागम, स्वागत में हुई पुष्पवर्षा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
VIDEO: शहर में पहली बार पथ संचलन में 26 शाखाओं का दिखा अद्भुत समागम, स्वागत में हुई पुष्पवर्षा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार को शहर में पथ संचलन का अद्भुत समागम दिखा।पूर्ण गणवेश में हजारों की संख्या में शहर के प्रत्येक छोर से निकले स्वयंसेवकों की कदमताल में राष्ट्रभक्ति का जोश और उमंग दिखाई दिया। मुख्य मार्गों से होकर गुजरे पथ संचलन को देखने एवं पुष्पवर्षा करने के लिए सड़कों के दोनों ओर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। घोष दल की अनूठी धुन एवं स्वयंसेवकों के जयघोष से पूरा शहर देशभक्ति से सराबोर हो गया।
पथ संचलन से पूर्व नगर की सभी 26 बस्तियों के स्वयंसेवक निर्धारित पांच स्थलों पर एकत्रित हुए जहां विजयादशमी उत्सव मनाया गया। नगर की 26 बस्तियों के स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण मिनी डायट बड़ेल,जैदपुर रोड स्थित कंचन पैलेस, आरटीओ ऑफिस के निकट राम जानकी मंदिर,गांधी नगर शिशु मंदिर एवं नागेश्वरनाथ मंदिर परिसर में हुआ। अपने निर्धारित रूट पर चलते हुए इन पांच पथ संचलनों का नाका सतरिख पहुंचते ही एक में विलीन होने का दृश्य रोमांचित कर रहा था।तीन दिशाओं से आ रहे पथ संचालनों का एक में विलीन होना मानो गंगा,यमुना और सरस्वती नदियों का त्रिवेणी पर संगम जैसा प्रतीत हो रहा था।
पथ संचलन शहर के दशहरा बाग,पल्हरी चौराहा,आरटीओ ऑफिस,पटेल चौराहा,कोतवाली,निबलेट तिराहा,धनोखर मंदिर,पुलिस लाइन चौराहा,छाया चौराहा, घंटाघर से होकर गुजरे।समापन जीआईसी ऑडिटोरियम पर हुआ। बड़ेल में आयोजित कार्यक्रम में सह विभाग संघ चालक गंगा बक्स ने कहा कि आरएसएस का ध्येय सनातन संस्कृति का पुनरुत्थान एवं राष्ट्र का पुनर्निर्माण है।इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए डॉ हेडगेवार जी ने 1925 में संघ की स्थापना की थी।
उन्होंने कहा कि संघ अपने ध्येय प्राप्ति के लिए चरैवेति - चरैवेति के मंत्र पर चलते हुए व्यक्ति निर्माण में जुटा है , क्योंकि जब व्यक्ति सशक्त और संस्कारित होगा, तभी समाज और राष्ट्र मजबूत बन सकेगा।कंचन पैलेस में आयोजित कार्यक्रम में प्रांत शारीरिक प्रमुख प्रतोष ने अपने पाथेय में स्वयंसेवकों को पंच परिवर्तन के प्रमुख आयाम स्वदेशी बोध,नागरिक कर्तव्य,पर्यावरण संरक्षण,सामाजिक समरसता व कुटुम्ब प्रबोधन के मायने समझाए।उन्होंने भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए पंच परिवर्तन को समाज में सशक्त रूप से लागू करने की जरूरत बताया।
राम जानकी मंदिर में जिला प्रचारक रवि प्रकाश ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वदेशी का बोध केवल आर्थिक आत्म निर्भरता का विषय नहीं है। बल्कि यह हमारी संस्कृति,परंपरा और जीवनशैली से जुड़ा हुआ है। नागरिक कर्तव्यों के प्रति सजग होकर ही एक समृद्ध राष्ट्र का निर्माण संभव है।
नागेश्वर नाथ में जिला संघ चालक डॉक्टर राम शंकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति सुरक्षित रह सके। गांधी नगर में डॉ छत्रसाल सिंह ने कहा कि सामाजिक समरसता से समाज में व्याप्त ऊंच-नीच व भेद भाव मिटेगा तथा सद्भाव की स्थापना होगी। वहीं कुटुम्ब प्रबोधन भारतीय परिवार व्यवस्था को मजबूत करेगा।
रविवार को रामनगर,निंदुरा,देवा और बंकी मंडल में भी विजयादशमी उत्सव संपन्न हुआ। इस अवसर पर जिला कार्यवाह सुधीर,सह जिला कार्यवाह पारितोष, विष्णु प्रताप, विभम ,शुभम,अमितेश, यशपाल,अनमोल,अमर बहादुर,आशीष, प्रभात,कपिल,अविनाश,संजय,अरुण,दिनकर,बलराम,उत्कर्ष,अंकित,दिलीप,शिवम्,नैतिक,आदर्श मौजूद रहे।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।