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Kanpur में शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल, रेलवे लाइन के किनारे पढ़ने को मजबूर छात्र

अमर उजाला.कॉम Published by: अम्बुज यादव Updated Tue, 15 Nov 2022 10:43 PM IST
यूपी की योगी सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने में लगी है, लेकिन कानपुर देहात में ये दावे हवा हवाई साबित होते नजर आ रहे है। कानपुर देहात में सरकारी स्कूलों की हालत बदहाल है। सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाला देश का भविष्य जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन के किनारे बैठकर पढ़ने को मजबूर हो रहा है। आपको बता दे कि रेलवे ट्रैक पर बराबर ट्रेनें दौड़ती है। कभी भी कोई हादसा हो सकता है । रेलवे लाइन के किनारे बच्चो को पढ़ाते समय यदि कोई हादसा हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? छोटे-छोटे बच्चों को नही पता कि उनके साथ शिक्षा के नाम पर कैसा मजाक किया जा रहा है। ये बच्चे पढ़ लिखकर देश का नाम रोशन करें इसलिये मुसीबत समझते हुए भी ऐसी जगह बैठकर पढ़ाई कर रहे है। विद्यालय के ऐसे हालात होने के बाद भी जनपद की जिलाधिकारी , बीएसए ने भी इस ओर कोई ध्यान नही दिया है, न ही किसी जनप्रतिनिधि की नजर ऐसी जगह पड़ती नजर आ रही है।

शिक्षा के प्रति जनपद के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि कितना सजग है इसकी एक बानगी कानपुर देहात में देखने को मिली।दरअसल ये भोगनीपुर तहसील के पुखरायां स्थित मीरपुर के प्राथमिक और जूनियर विद्यालय का हाल है। यहां प्रति वर्ष बारिश के दौरान विद्यालयो में पानी भर जाता है। यहाँ एक ओर विद्यालय में पानी भरने से विद्यालय जर्जर हो गया है विद्यालय की जमीन धंसने लगी है विद्यालय खंडहर में तब्दील हो गया है वही विद्यालय के बच्चो को रेलवे लाइन के किनारे बैठाकर शिक्षा ग्रहण कराई जा रही है जहाँ बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे है। रेलवे ट्रैक से बराबर ट्रेनें गुजरती है जिससे शिक्षण कार्य तो प्रभावित होता ही है साथ ही हादसे का डर भी बना रहता है । ऐसे में अगर कोई घटना घट जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? ये कानपुर देहात के पुखरायां विद्यालय में पढ़ रहे देश के भविष्य के साथ की जा रही खिलवाड़ की वो तस्वीरे है जहां से भोगनीपुर विधायक और प्रदेश में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान है। इनके रहने के बावजूद इस सरकारी विद्यालय पर किसी की नजर नहीं है। वही जनपद के जिलाधिकारी और बीएसए द्वारा जनपद के स्कूलों में समय समय पर निरीक्षण किये जाने की बातें सामने आती रहती है । बावजूद इसके जिलाधिकारी और बीएसए की नजर इस विद्यालय पर अब तक क्यों नही पड़ी? इससे ऐसा प्रतीत होता है कि जनपद के अधिकारी और जनप्रतिनिधि उदासीन बने हुए है । जो सरकार के विकास के दावों पर पलीता लगाने का काम कर रहे है। 

वही ग्रामीणों ने विद्यालय के बारे में बताया कि बारिश होने से हर साल विद्यालय में पानी भर जाता है । बच्चो की शिक्षा प्रभावित होती है इसके बाद भी जनपद के अधिकारियों ने विद्यालय पर कोई ध्यान नही दिया है । ऐसे हालात में अधिकारियों ने विद्यालय आकर निरीक्षण करना मुनासिफ नही समझा । बच्चो को रेलवे लाइन के किनारे बैठाकर पढ़ाया जा रहा है जो हर समय हादसे को दावत देता है कभी भी कोई अप्रिय घटना होने का डर बना रहता है ।

वही जब जनपद की बीएसए से इस मामले पर बात की गई तो बीएसए द्वारा बताया गया कि उनको इस प्रकरण की जानकारी ही नही है मीडिया द्वारा संज्ञान में आया है अगर बच्चो को रेलवे लाइन के किनारे पढ़ाया जा रहा है तो दूसरी जगह शिफ्ट किया जायेगा ।
 
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