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VIDEO: Raebareli: कम तपेगा नौतपा, धान की नर्सरी डालने में जुटे किसान, उमस अधिक होने से गर्म हवा का असर कम
मौसम के लगातार बदलने से इस बार गर्म हवा का असर कम रहा है और उमस बढ़ गई है। मौसम विभाग भी अधिक लू चलने की संभावना से इंकार कर रहा है। इससे नौतपा के कम तपने की संभावना है। ऐसे में किसानों ने धान की नर्सरी डालने का काम शुरू कर दिया है। किसानों का कहना है कि उमस अधिक है और बादलों की आवाजाही बनी हुई है। जिससे धान की नर्सरी को सूखने का खतरा कम है, इस कारण नर्सरी डाली जा रही है।
क्षेत्र के हलोर, पुरासी, अलीपुर, जमुरावां, कोटवा मोहम्मदाबाद, बेलवा, बारी गोहन्ना, कुसुढ़ी सागरपुर, मझिगवां, कुशलगंज सहित पूरे क्षेत्र में धान की नर्सरी का कार्य जोरों पर है। किसान गंगासागर पांडेय, इन्द्रदेव शुक्ला, रविराज सिंह, हौसिला प्रसाद तिवारी, लाल सिंह, रामसागर चौधरी, केशवानंद त्रिपाठी, दद्दू सिंह, दिलीप तिवारी, अमर सिंह चौधरी का कहना है कि अगर समय से धान की नर्सरी डाली जाएगी तो बारिश होने पर रोपाई भी समय से शुरू हो जाएगी। आगे रोपाई होने से धान की अच्छी पैदावार होगी।
धूप में तेजी न होने से होगा फायदा
पिछले सप्ताह में हुई बारिश के बाद तापमान में गिरावट आने पर किसान खेती में जुट गए हैं। क्षेत्र में धान का बेड़न डालने का कार्य प्रगति पर है। किसान नर्सरी के लिए खेत की तैयारी के साथ बेड़न डालने में जुटे हैं। पिछले साल बहुत अधिक गर्मी पड़ी थी, जिस कारण धान की नर्सरी सूख गई थी और किसानों को बहुत अधिक परेशान होना पड़ा था। इस बार ऐसा नहीं है। तापमान औसत है और नमी अधिक है, जिससे धान की फसल की तैयारी में किसानों को समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
मिट्टी में बनी रहेगी नमी
नौतपा के दौरान तेज गर्मी ना होने से धान की नर्सरी को कई तरह से फायदा होता है। किसानों के अनुसार नौतपा के दौरान अधिक गर्मी ना हो तो मिट्टी में नमी बनी रहती है और खरपतवार कम होते हैं, जिससे पौधों को बेहतर विकास के लिए अनुकूल माहौल मिलता है। कीट भी नियंत्रित होते हैं और खेतों में नमी होने से मिट्टी अधिक उपजाऊ होती है। जिला कृषि अधिकारी अखिलेश पांडेय ने बताया कि मध्यम व देर से पकने वाली धान की किस्मों की बोआई जून के दूसरे हफ्ते तक और जल्दी पकने वाली किस्म की बोआई जून के दूसरे हफ्ते से तीसरे हफ्ते तक करने का उपयुक्त समय माना जाता है।
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