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श्रावस्ती में फसल समेत खेतों को निगल रही राप्ती... किसान लाचार, ग्रामीणों में दहशत का माहौल
यूपी के श्रावस्ती में राप्ती की मुख्य धारा में जमी रेत के चलते नदी और घातक हो गई है। तेज धारा नदी के किनारों पर बसे गांवों में तेजी से कटान कर रही है। कटान के चलते ग्रामीण दहशत में हैं। ग्रामीण शासन-प्रशासन से ठोस उपाय की मांग कर रहे हैं। सबसे ज्यादा कटान घाटेपुरवा व सलारूपुरवा में हो रही है। 24 घंटे में एक दर्जन से अधिक किसानों के पांच बीघा फसल समेत खेत नदी में समाहित हो चुके हैं।
जलस्तर घटने के साथ ही राप्ती ने जमुनहा तहसील क्षेत्र में एक बार फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। सैकड़ों बीघा खेत निगल चुकी राप्ती एक बार फिर वीरपुर गांव के किसानों के फसल सहित खेतों को काट रही है। इससे पूरा गांव सहमा हुआ है। वीरपुर निवासी बाबूलाल, आशाराम, फकीरे, देवा महराज, बाबादीन, अमेरिका यादव, ओमकार चौहान, गिरवर प्रसाद, सुंदर लाल, ननकू, दयाराम आदि ने बताया कि उनके खेत राप्ती के मुहाने पर हैं। राप्ती थोड़ा-थोड़ा कर खेतों को धारा में समाहित कर रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि 24 घंटे में तीन बीघा से अधिक खेत कट चुका है। वहीं, सलारूपुरवा निवासी सालिकराम, रामलाल यादव, गिरवर प्रसाद, बलदेव, बदलूराम, जमुना प्रसाद, महराजदीन, गंगाराम आदि ने बताया कि उनके खेत घाटेपुरवा गांव के पास हैं। उन्हें राप्ती तेजी से काट रही है। दो बीघा से अधिक खेत नदी में समाहित हो चुके हैं। घाटेपुरवा के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
राप्ती की कटान को लेकर घाटेपुरवा निवासी किसान बालकराम मौर्य ने बताया कि राप्ती नदी ने उनके सभी खेतों को काटकर उन्हें भूमिहीन बना दिया। वहीं, वीरपुर निवासी दयाराम ने बताया कि उनका दो बीघा खेत नदी में समाहित हो गया है। ननकू ने बताया कि धान की बोआई की थी कि परिवार का भरण-पोषण होगा, लेकिन नदी धान लगे खेतों को काट रही है। मदद के लिए कोई नहीं आ रहा है।
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