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VIDEO : Sonbhadra accountant Manish's murder is the result of bureaucratic insensitivity demand for CBI investigation
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VIDEO : सोनभद्र में लेखपाल मनीष की हत्या अफसरशाही संवेदनहीनता का परिणाम, सीबीआई जांच की मांग
बरेली में एंटी भूमाफिया अभियान के दौरान लापता हुए लेखपाल मनीष कश्यप की निर्मम हत्या और प्रदेशभर में लेखपालों पर हमले को लेकर लेखपाल संघ में शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया। तहसील परिसर में नारेबाजी करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित 11 सूत्री ज्ञापन अफसरों को सौंपा।
लेखपाल संघ ने आरोप लगाया कि सरकारी भूमि विवाद, अतिक्रमण हटाने, और अन्य कार्यों में अधिकारियों की बजाय लेखपालों को जनता और माफियाओं के सामने भेजा जाता है। इससे लेखपालों की जान को खतरा बढ़ता है। कई जिलों में लेखपालों को हमलों का शिकार होना पड़ा है, लेकिन प्रशासन और पुलिस संवेदनहीन बनी रहती है। मनीष कश्यप की हत्या की पूरी घटना प्रशासन और पुलिस की संवेदनहीनता को उजागर करती है। बरेली में लेखपाल के लापता होने की सूचना के बावजूद प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। आखिर 18 दिन बाद लेखपाल का कंकाल बरामद हुआ। संघ ने मनीष कश्यप की हत्या की सीबीआई जांच और डीएनए रिपोर्ट के माध्यम से मौत के सही कारणों का पता लगाने की मांग की है। ज्ञापन के जरिए उन्होंने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई, मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और आश्रितों को नौकरी, इच्छुक लेखपालों को बिना पुलिस जांच, एसडीएम की रिपोर्ट पर शस्त्र लाइसेंस जारी करने, सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट, धमकी, और हमले को गैर-जमानती अपराध घोषित करने की भी मांग रखी। संघ ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष सुबोध सिंह, तहसील अध्यक्ष संजय सिंह, साजिद खां वारसी, पंकज, विवेकानंद तिवारी, सुधीर कुमार पटेल, भगवान, कन्हैया लाल पटेल, हरेंद्र प्रसाद आदि शामिल रहे।
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