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11 की मौत: हे भगवान... ये कैसा रचा विधान, मांगी थी दोबारा आने की मन्नत, गाड़ी में दफन हुई हसरत; ऐसा क्या कसूर?

अमर उजाला नेटवर्क, एटा Published by: शाहरुख खान Updated Thu, 14 Aug 2025 11:58 AM IST
सार

दौसा में हुए दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई। गाड़ी में ही खाटूश्याम और सालासर बालाजी के दर्शन की खुशियां दफन हो गईं। किसी को प्रसाद बांटना था तो किसी ने दोबारा आने की मन्नत मांगी थी। 

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Accident in Dausa The joy of visiting Khatushyam and Salasar Balaji was buried in car
dausa accident - फोटो : अमर उजाला
हे भगवान...ये तुमने ये कैसा विधान रच दिया? ये लोग तो तुम्हारे ही दर्शन के लिए गए थे बेचारों का ऐसा क्या कसूर था कि इतनी बड़ी सजा दे दी। ये सवाल मरने वालों के परिजन की जुबान पर विलाप के साथ फूट रहे थे। खाटूश्याम और सालासर बालाजी के हंसी-खुशी दर्शन कर सभी लौट रहे थे। 


किसी ने दोबारा आने की मन्नत मांगी थी तो किसी को गांव पहुंचकर प्रसाद बांटना था और दर्शन के सुखद अनुभव बताने थे लेकिन ये सभी खुशियां, हसरतें गाड़ी में ही दफन हो गईं। दर्शन के लिए जाने की कोई बड़ी वजह या मौका तो नहीं था गांव वालों का आपस में विचार बना और तैयारी हो गई। 

 
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Accident in Dausa The joy of visiting Khatushyam and Salasar Balaji was buried in car
दौसा में बड़ा सड़क हादसा - फोटो : amar ujala
पहले सालासर बालाजी के किए दर्शन
10 अगस्त की शाम को ये लोग दो लोडर वाहनों में सवार होकर राजस्थान के लिए निकल लिए। पहले सालासर बालाजी के दर्शन किए। उसके बाद खाटूश्याम के दरबार पहुंचे। वहां से आते समय बुधवार तड़के यह हृदय विदारक हादसा हो गया। 

 
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Accident in Dausa The joy of visiting Khatushyam and Salasar Balaji was buried in car
विलाप करते परिजन - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इसमें सवार जयप्रकाश की पत्नी और पुत्र की जान चली गई। जयप्रकाश के भाई जयवीर ने बताया कि वह ऑटो चलाता है। 10 अगस्त को सुबह के समय ही ऑटो लेकर निकल गया था। उस समय तक बालाजी जाने की कोई बात नहीं थी। लौटकर आया तो पता लगा कि भाभी और भतीजा वहां गए हैं।
Accident in Dausa The joy of visiting Khatushyam and Salasar Balaji was buried in car
विलाप करते परिजन - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
भाभी से आखिरी बार 12 अगस्त को हुई थी बात
उन्होंने बताया कि भाभी ने अपने मायके से बहन-भतीजों को बुला लिया। ये लोग टूंडला में आकर मिल गए थे। वहां से इनकी गाड़ी में बैठकर आगे चले। भाभी से आखिरी बार 12 अगस्त की शाम 4:30 बजे बात हुई थी। 
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Accident in Dausa The joy of visiting Khatushyam and Salasar Balaji was buried in car
विलाप करते परिजन - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
उस समय उन्हें दर्शन नहीं हुए थे। बताया कि दर्शन करके बात करेंगी। प्रसाद के लिए भी बोल रही थीं। गांव के ही लाखन सिंह की पुत्रवधू और पौत्र की हादसे में जान गई है। लाखन सिंह के सबसे छोटे पुत्र जितेंद्र सिंह ने बताया कि ताऊ के लड़के सौरभ ने जाने के लिए कहा तो मम्मी का अचानक से विचार बन गया। 
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