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Ahmedabad Plane Crash: पत्नी के जन्मदिन पर जा रहे थे लंदन...भयानक प्लेन क्रैश और आखिरी सफर, DNA से होगी पहचान
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Sat, 14 Jun 2025 09:37 AM IST
सार
Plane Crash Latest Update: अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश के भयानक हादसे ने सबकुछ जलाकर राख कर दिया। इस हादसे में अकोला के दंपती ने भी जान गवां दी। उनकी पहचान डीएनए टेस्ट से होगी।
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Ahmedabad Plane Crash
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान हादसे में जान गंवाने वाले अकोला (फतेहपुर सीकरी) के दंपती नीरज लवानिया और उनकी पत्नी अपर्णा के अंतिम दर्शन परिजन नहीं कर पाए हैं। दंपती की बेटी अर्पणा के डीएनए मिलान के बाद ही शव परिजन को सुपुर्द किए जाएंगे।
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मृतक नीरज काली जैकेट में सफेद सूट में अपर्णा
- फोटो : अमर उजाला
जयपुर में पार्टी का था प्लान
नीरज के बचपन के दोस्त नरेश चाहर शुक्रवार को उसी चबूतरे पर बैठे थे, जहां वह और नीरज दोस्तों के साथ बड़े हुए थे। नरेश ने भावुक होते हुए बताया कि वह और उनके 35 दोस्त जल्द ही मिलने की योजना बना रहे थे। नीरज ने सभी को जयपुर बुलाया था और रहने-खाने का इंतजाम खुद करने के लिए कहा था।
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नीरज के बचपन के दोस्त नरेश चाहर शुक्रवार को उसी चबूतरे पर बैठे थे, जहां वह और नीरज दोस्तों के साथ बड़े हुए थे। नरेश ने भावुक होते हुए बताया कि वह और उनके 35 दोस्त जल्द ही मिलने की योजना बना रहे थे। नीरज ने सभी को जयपुर बुलाया था और रहने-खाने का इंतजाम खुद करने के लिए कहा था।
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अहमदाबाद हादसे की रुला देने वाली तस्वीरें।
- फोटो : पीटीआई
नरेश ने बताया कि नीरज उनसे एक साल छोटे थे लेकिन उनकी दोस्ती बहुत गहरी थी। दोनों ने चाहरवाटी इंटर कॉलेज से 12वीं की और फिर आगरा कॉलेज से 1993 में बीएससी की। बीएससी के बाद नरेश ने दिल्ली में नौकरी शुरू की। कुछ समय बाद नीरज को भी उसी कंपनी में बुला लिया गया। कंपनी का हेड ऑफिस वडोदरा में था, इसलिए नीरज का तबादला जयपुर हो गया। कुछ समय नौकरी करने के बाद नीरज को नीदरलैंड में नौकरी मिल गई और वह विदेश चले गए, लेकिन उनकी बातचीत लगातार जारी रही। इसी दौरान नीरज ने अपनी एमबीए की पढ़ाई भी पूरी कर ली। उधर, नीरज और अपर्णा के निधन के बाद गांव में मातम पसरा है। हर किसी की जुबान पर उन्हीं का नाम है। गांव में चूल्हे तक नहीं जल रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग उसी चबूतरे पर इकट्ठा हो गए, जहां नीरज खेलकूद कर बड़े हुए थे।
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मृतकों के फाइल फोटो
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
लॉकडाउन में वडोदरा में की नौकरी
कोरोना के दौरान नीरज की नीदरलैंड वाली नौकरी छूट गई। उन्होंने वापस वडोदरा में मैनेजर के पद पर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने 2001 में वडोदरा की ही अपर्णा से शादी की और वहीं रहने लगे। बेटी के साथ ही सास भी उनके साथ रहती थीं।
कोरोना के दौरान नीरज की नीदरलैंड वाली नौकरी छूट गई। उन्होंने वापस वडोदरा में मैनेजर के पद पर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने 2001 में वडोदरा की ही अपर्णा से शादी की और वहीं रहने लगे। बेटी के साथ ही सास भी उनके साथ रहती थीं।
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परिवार से मिलने पहुंची बैबीरानी मौर्य
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पिता के देहांत पर 20 दिन रुके थे नीरज
नीरज के पिता का देहांत 24 नवंबर 2024 को हो गया था। तब नीरज 20 दिनों के लिए अपने परिवार सहित गांव आए थे। पिता की तेरहवीं के बाद नीरज उसी पुराने अंदाज में अपने दोस्तों के साथ उसी चबूतरे पर बैठकर खूब मस्ती करते थे। नीरज को बचपन से ही फिल्म संगम का गाना ‘दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई’ बहुत पसंद था और वे इसे बड़े मजे से गाते थे।
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नीरज के पिता का देहांत 24 नवंबर 2024 को हो गया था। तब नीरज 20 दिनों के लिए अपने परिवार सहित गांव आए थे। पिता की तेरहवीं के बाद नीरज उसी पुराने अंदाज में अपने दोस्तों के साथ उसी चबूतरे पर बैठकर खूब मस्ती करते थे। नीरज को बचपन से ही फिल्म संगम का गाना ‘दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई’ बहुत पसंद था और वे इसे बड़े मजे से गाते थे।
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