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Maha Shivratri: महाशिवरात्रि पर सुख-समृद्धि-सफलता का महायोग... संगम में आखिरी डुबकी का मिलेगा विशेष फल
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 25 Feb 2025 12:43 PM IST
सार
महाशिवरात्रि पर सुख-समृद्धि-सफलता का महायोग बन रहा है। धनिष्ठा नक्षत्र के साथ परिघ योग में मकर राशि पर चंद्रमा गोचर करेंगे। संगम में आखिरी डुबकी का विशेष फल मिलेगा।
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mahashivratri 2025
- फोटो : Amar Ujala
महाशिवरात्रि पर इस बार ग्रहों के मिलन से सुख-समृद्धि और सफलता का महायोग बन रहा है। धनिष्ठा नक्षत्र और परिघ योग में महाशिवरात्रि की आराधना हर तरह की कामनाओं को पूरी करने वाली होगी। मकर राशि पर शीतलता के प्रतीक चंद्रमा के विराजमान होने से भय और चिंता हरण के भी योग बनेंगे।
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पंचांगं के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है
- फोटो : अमर उजाला
महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा-आरती का विशेष महत्व
ऐसे में थोड़े से उपायों से भी तीनों लोक के स्वामी भगवान शिव को भक्त प्रसन्न कर सकते हैं। महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा-आरती का विशेष महत्व है। प्रत्येक प्रहर में भगवान शिव की विशेष उपासना होगी। ज्योतिषाचार्य पं. ब्रजेंद्र मिश्र के अनुसार अपनी श्रद्धा के अनुसार भगवान शिव की पूजा-आरती करनी चाहिए।
ऐसे में थोड़े से उपायों से भी तीनों लोक के स्वामी भगवान शिव को भक्त प्रसन्न कर सकते हैं। महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा-आरती का विशेष महत्व है। प्रत्येक प्रहर में भगवान शिव की विशेष उपासना होगी। ज्योतिषाचार्य पं. ब्रजेंद्र मिश्र के अनुसार अपनी श्रद्धा के अनुसार भगवान शिव की पूजा-आरती करनी चाहिए।
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Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक का महत्व
- फोटो : अमर उजाला
'महाशिवरात्रि इस बार धनिष्ठा नक्षत्र और परिघ योग में'
चार प्रहर की आराधना से धन, यश, प्रतिष्ठा और समृद्धि की प्राप्ति के योग हैं। जिनके जीवन में संतान संबंधी बाधा हो, उन्हें भी यह शिव आराधना अवश्य करनी चाहिए। वह बताते हैं कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की महाशिवरात्रि इस बार धनिष्ठा नक्षत्र और परिघ योग में आ रही है। शकुनी करण के साथ मकर राशि पर चंद्रमा गोचर करते रहेंगे है। इस दिन चार प्रहर की आराधना से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
चार प्रहर की आराधना से धन, यश, प्रतिष्ठा और समृद्धि की प्राप्ति के योग हैं। जिनके जीवन में संतान संबंधी बाधा हो, उन्हें भी यह शिव आराधना अवश्य करनी चाहिए। वह बताते हैं कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की महाशिवरात्रि इस बार धनिष्ठा नक्षत्र और परिघ योग में आ रही है। शकुनी करण के साथ मकर राशि पर चंद्रमा गोचर करते रहेंगे है। इस दिन चार प्रहर की आराधना से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
mahashivratri 2025
- फोटो : अमर उजाला
भय और चिंता से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप
ज्योतिषाचार्य पं. ब्रजेंद्र मिश्र बताते हैं कि महाशिवरात्रि पर शिव पूजा करते समय में अपनी मनोकामना के अनुसार मंत्र जप करना चाहिए। इस मंत्र के जप से अनजाना भय और चिंता दूर होती है। महामृत्युंजय मंत्र की वजह से शिव जी की विशेष कृपा मिलती है, जिससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
ज्योतिषाचार्य पं. ब्रजेंद्र मिश्र बताते हैं कि महाशिवरात्रि पर शिव पूजा करते समय में अपनी मनोकामना के अनुसार मंत्र जप करना चाहिए। इस मंत्र के जप से अनजाना भय और चिंता दूर होती है। महामृत्युंजय मंत्र की वजह से शिव जी की विशेष कृपा मिलती है, जिससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
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mahashivratri 2025
- फोटो : अमर उजाला
चार प्रहर की पूजा -आरती का मुहूर्त
प्रथम प्रहर: शाम 06:19 बजे से रात्रि 09:26 बजे तक
द्वितीय प्रहर : रात 09:26 बजे से मध्यरात्रि 12:34 बजे तक
तृतीय प्रहर: मध्यरात्रि 12:34 बजे से 27 फरवरी , प्रातः 03:41 बजे तक
चतुर्थ प्रहर: 27 फरवरी सुबह 03:41 बजे से प्रातः 06:48 बजे तक
प्रथम प्रहर: शाम 06:19 बजे से रात्रि 09:26 बजे तक
द्वितीय प्रहर : रात 09:26 बजे से मध्यरात्रि 12:34 बजे तक
तृतीय प्रहर: मध्यरात्रि 12:34 बजे से 27 फरवरी , प्रातः 03:41 बजे तक
चतुर्थ प्रहर: 27 फरवरी सुबह 03:41 बजे से प्रातः 06:48 बजे तक