{"_id":"5d7fb3c08ebc3e93da7878e7","slug":"dacoit-babuli-and-lavlesh-kol-died-in-gang-war","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"यूपी-एमपी में बजता था इनके नाम का डंका, कुछ ऐसा रहा कुख्यात डाकू बबुली-लवलेश के खात्मे का सफर","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
यूपी-एमपी में बजता था इनके नाम का डंका, कुछ ऐसा रहा कुख्यात डाकू बबुली-लवलेश के खात्मे का सफर
यूपी डेस्क, अमर उजाला, चित्रकूट
Published by: शिखा पांडेय
Updated Mon, 16 Sep 2019 09:49 PM IST
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डाकू बबुली-लवलेश की मौत
- फोटो : अमर उजाला
डकैत बबुली व लवलेश के मारे जाने का घटनाक्रम बेहद नाटकीय भी रहा। दो दिन से मप्र पुलिस अधिकारी मोबाइल स्विच ऑफ किए रहे। इस दौरान वह अपने आपरेशन में जुटे रहे। खबर तो मिल गई कि बबुली गैंग में गैंगवार हो गया शायद इसके बाद ही पुलिस टीमें सक्रिय हुईं। सतना मप्र का भारी पुलिस बल से लेकर चित्रकूट यूपी के पुलिस अधिकारी भी रविवार की शाम को मय फोर्स पहुंचे लेकिन किसी ने भी कुछ जवाब नहीं दिया।
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डाकू बबुली-लवलेश की मौत
- फोटो : अमर उजाला
- रविवार की शाम-5 बजे - धारकुंडी के चमरी लेदरी जंगल पहुंची पुलिस
- 6 बजे मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी शुरू
- 8 बजे से फायरिंग शुरू
- 10 बजे दोनों ओर से फायरिंग बंद
- 12 बजे तक जंगल में रुकने के बाद पुलिस टीमें धारकुंडी थाने लौटीं
- सोमवार की सुबह- 5 बजे - मप्र पुलिस टीमें मुठभेड़ स्थल रवाना
- 6 बजे से जंगल पहाड़ पर सर्चिंग
- 7 बजे लेदरी पहाड़ पर मिला खून
- 8 बजकर 30 मिनट पर पहाड़ के बीच ढलान पर मिले दो शव
- 9 बजे सभी पुलिस टीम पहुंची और दोनों की शिनाख्त की
- 9 बजकर 30 मिनट पर पुलिस ने बबुली व लवलेश के मारे जाने की पुष्टि की
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डाकू बबुली-लवलेश की मौत
- फोटो : अमर उजाला
यह पूरा घटनाक्रम पुलिस अधिकारियों के अनुसार है। सूत्रों के अनुसार शनिवार की रात को ही चमरी व लेदर पहाड़ के बीच मौजूद डाकू बबुली कोल गैंग अपने छह साथियों के साथ मौजूद था। गैंग में कुछ दिन पूर्व अपहरण में मिली फिरौती की रकम के बंटवारे को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद समझाकर सब चुपचाप सो गए। इसी बीच मौका पाकर दो सदस्यों ने सोते समय ही बबुली व लवलेश पर गोली चला दी और भाग निकले। सोमवार को जब मझगवां थाने में दोनों शव वाहन से उतारे गए तो उनमें काफी बदबू थी। जिससे वहां मौजूद लोगों ने बताया कि यह शव सोमवार के नहीं हो सकते दो दिन पुराने हैं तभी इतनी बदबू है।
डाकू बबुली-लवलेश की मौत
- फोटो : अमर उजाला
ताबूत में अंतिम कील साबित हरषेड का अपहरण
9 दिन पूर्व शनिवार को डकैत बबुली कोल गैंग ने मप्र के धारकुंडी वीरपुर पंचायत के हरषेड़ गांव से किसान अवधेश द्विवेदी का अपहरण कर चार दिन बाद छह लाख रुपये की फिरौती लेकर छोड़ा था। यह अपहरण व फिरौती की रकम ही उसके ताबूत की अंतिम कील साबित हुआ। अपहरण व फिरौती पहुंचाने में शामिल गैंग के अस्थाई सदस्यों को पुलिस ने पकड़कर अपना अंजाम पूरा कर लिया।
9 दिन पूर्व शनिवार को डकैत बबुली कोल गैंग ने मप्र के धारकुंडी वीरपुर पंचायत के हरषेड़ गांव से किसान अवधेश द्विवेदी का अपहरण कर चार दिन बाद छह लाख रुपये की फिरौती लेकर छोड़ा था। यह अपहरण व फिरौती की रकम ही उसके ताबूत की अंतिम कील साबित हुआ। अपहरण व फिरौती पहुंचाने में शामिल गैंग के अस्थाई सदस्यों को पुलिस ने पकड़कर अपना अंजाम पूरा कर लिया।
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डाकू बबुली-लवलेश की मौत
- फोटो : अमर उजाला
कांटे से निकाला कांटा
कई स्थानीय लोगों का मानना है कि यह पुलिस का पुराना फार्मूला है जिसमें कांटे से कांटा निकाला जाता है। ददुआ से लेकर रागिया बलखड़िया, ठोकिया, राजू कोल, अशोक कोल जैसे डकैतों का खात्मा भी कुछ इसी अंदाज में एसटीएफ व पुलिस ने किया है। हालांकि पुलिस अधिकारी इससे इंकार कर मुठभेड़ में मार गिराने की बात करते हैं।
कई स्थानीय लोगों का मानना है कि यह पुलिस का पुराना फार्मूला है जिसमें कांटे से कांटा निकाला जाता है। ददुआ से लेकर रागिया बलखड़िया, ठोकिया, राजू कोल, अशोक कोल जैसे डकैतों का खात्मा भी कुछ इसी अंदाज में एसटीएफ व पुलिस ने किया है। हालांकि पुलिस अधिकारी इससे इंकार कर मुठभेड़ में मार गिराने की बात करते हैं।
