यूपी और एमपी में आतंक का दूसरा नाम डाकू बबुली कोल और लवलेश का दर्दनाक अंत हुआ। फिरौती की रकम बंटवारे को लेकर जिले की सीमा से सटे सतना जिले के चमरी पहाड़ के जंगल में आपस में डाकू भिड़ गए थे। शनिवार की देर रात डाकुओं के बीच कई राउंड गोलियां भी चलीं, जिसमें सरगना बबुली की मौत के साथ ही दो के घायल होने की चर्चा थी।
यूपी-एमपी में आतंक का पर्याय बन चुके डाकू बबुली कोल का हुआ अंत, अपनों के ही हाथों मिली दर्दनाक मौत
गैंगवार की सूचना पर पुलिस अफसर जंगल भी पहुंचे थे। अब सतना एसपी रियाज इकबाल और चित्रकूट एसपी मनोज कुमार झा ने इसकी पुष्टि की है। इस दौरान भारी पुलिस बल जंगल में मौजूद रहा। पुलिस का दावा है दोनों की बॉडी मिल गई है और मझगवां मध्य प्रदेश थाने ले जाई जा रही है। बबुली के मारे पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलिस महकमे को बधाई दी है। उन्होंने कहा- ईनामी डकैत बबुली कौल और लवलेश कौल के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की खबर पर पूरी पुलिस टीम को बधाई।
ईनामी डकैत बबुली क़ौल और लवलेश क़ौल के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की ख़बर पर पूरी पुलिस टीम को बधाई।
हम झूठे दावे तो नहीं करते पर हमारी सरकार प्रदेश से डकैतों के सफ़ाये को लेकर प्रतिबद्ध है।
पुलिस का दावा है कि डकैतों से मुठभेेड़ हुई थी, हालांकि रविवार देर रात तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। पुलिस सूत्रोें के मुताबिक, मध्यप्रदेश के सतना जिले के धारकुंडी थाने के चमरी पहाड़ के जंगल के पास शाम पांच बजे के आसपास बबुली गैंग के डाकू रकम बंटवारे को लेकर आपस में भिड़ गए।
बबुली गैंग के लाले कोल ने फायरिंग शुरू कर दी, जिससे अन्य डाकू जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। फायरिंग के दौरान एक गोली सरगना बबुली को भी लगी। लवलेश कोल आदि उसे घायल अवस्था में लेकर जंगल में गुम हो गए। फायरिंग में दो अन्य डाकुओं को भी गोली लगने की सूचना है।
सूत्र का तो यहां तक कहना था कि गोलीबारी में सरगना की जान चली गई, मगर देर रात तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई थी। सूत्रों का कहना है कि बबुली कोल गोली चलाने के बाद राइफल लेकर भाग निकला था। सुबह पुलिस ने दोनो की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि बबुली और लवलेश कोल दोनों को मार दिया गया है।
