योगी सरकार बनने के बाद मेरठ जोन की कमान एडीजी प्रशांत कुमार को सौंपी गई थी। उनका तीन साल का कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा है। उनकी कार्यशैली को देखते हुए अब उन्हें एडीजी कानून व्यवस्था बनाया गया है। आगे जानिए कैसा रहा उनका तीन साल का सफर...
योगी सरकार में ऐसा रहा एडीजी प्रशांत कुमार का तीन साल का सफर... 65 अपराधी ढेर, 1332 को लगी गोली
अब मेरठ जोन की कमान तेजतर्रार एडीजी राजीव सब्बरवाल को सौंपी गई है। 1993 बैच के आईपीएस राजीव सब्बरवाल लंबे समय तक एटीएस में रहे। एटीएस में रहते समय साल 2009 में नोएडा में दो आतंकी ढेर किए हैं। तीन महीने पहले ही वह प्रतिनियुक्ति से उत्तर प्रदेश में वापस पहुंचे। अब उन्हें एडीजी मेरठ जोन बनाया गया है।
वहीं, 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार ने 15 जुलाई 2017 को एडीजी मेरठ जोन का पद संभाला था। अपने करीब तीन साल के कार्यकाल में उन्होंने जोन में अपराध नियंत्रण और अपराधियों की कमर तोड़ने का काम किया। उनके कार्यकाल में करीब 2273 मुठभेड़ हुईं, जिनमें 65 दुर्दांत अपराधियों को मार गिराया गया। 1332 अपराधियों को पैरों में गोली लगी।
वहीं जोन में कोरोना महामारी के दौरान शासन की नीति के अनुसार लॉकडाउन का अनुपालन कराना एवं जवानों को कोरोना से बचाने की दोहरी चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया। खुद भी अधिकारियों के साथ फील्ड में जाकर जवानों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने बचाव हेतु योजना बनाकर शासन एवं जनता के सहयोग से फ्रंट लाइन ड्यूटी में लगे जवानों को पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर, मास्क, फेस शील्ड, पीपीई किट प्रदान किए।
एडीजी के अनुसार वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 की कांवड़ यात्रा एवं मेरठ में आयोजित राष्ट्रोदय कार्यक्रम को सकुशल संपन्न कराया था। अयोध्या प्रकरण, जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने एवं सीएए के विरोध आदि कई चुनौतियों का सामना करते हुए कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू कराते हुए कोई अप्रिय घटना घटित नहीं होने दी। इस दौरान सोशल मीडिया का सकारात्मक प्रयोग किया गया।
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