रोडवेज का चक्का जाम: नए कानून के विरोध में बसों व ट्रकों की हड़ताल, चरमराई व्यवस्था, देखें पश्चिमी यूपी का हाल
देशव्यापी चालकों की हड़ताल के चलते रोडवेज बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है। सरकार द्वारा बनाए गए नए मोटर कानून से नाराज बस चालकों की हड़ताल शुरू हो गई है। बिजनौर से सुबह अपने निर्धारित समय पर कुछ समय अपने गंतव्य की ओर निकलीं।
चालकों की हड़ताल की वजह से जहां-तहां बसों के पहिए थम गए। वहीं कई बसें चालकों के नहीं आने की वजह से डिपो पर ही खड़ी रहीं। उधर, अनुबंधित स्वामियों ने चक्का जाम की वजह से बसों का संचालन नहीं किया। जिससे यात्री परेशान रहे। कुछ बसें मेरठ, कुछ दिल्ली में फंस गई। नगीना में भी प्राइवेट बसों के साथ साथ सरकारी बसों के भी अधिकतर पहिए थमे।
ट्रकों और प्राइवेट बसों के पहिए थमे
परिवहन के नए कानून का विरोध शुरू हो गया है। मुजफ्फरनगर जिले में ट्रक और निजी बसों के संचालकों ने हड़ताल कर दी। दिल्ली-दून हाईवे पर खतौली में ट्रकों की लाइन लग गई। रोडवेज स्टैंड पर अनुबंधित बसें भी खड़ी कर दी गई है।
परिवहन में नए कानून के बदलाव के विरोध में मोरना-भोपा बस यूनियन पदाधिकारी और चालक-परिचालकों ने हड़ताल कर दी। सरकार से पुराने कानून को बनाए रखने की मांग भी रखी। जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। चालकों ने कहा कि पुराना कानूना ही सही है।
खतौली में ट्रक चालकों ने चक्का जाम कर दिया। सड़क पर खड़े किए ट्रकों को पुलिस ने जीटी रोड से हटवाकर यातायात सुचारू कराया।
नए कानून के विरोध में ट्रकों और बसों के पहिए थमे
परिवहन के नए कानून के विरोध में सोमवार को शामली जिले के ट्रक और रोडवेज, प्राइवेट बसों के संचालकों ने हड़ताल शुरू कर दी। जिसके कारण परिवहन व्यवस्था गड़बड़ा गई। यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। शामली बस यूनियन और ट्रक चालक परिचालक एसोसिएशन ने सरकार से पुराने कानून को बनाए रखने की मांग की। नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन भी किया गया। कहा कि हड़ताल आगे भी जारी रहेगी।