मेरठ के रोहटा थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर रोहटा में रहने वाले अनिल(32) की कहानी अचानक गायब होने से शुरू हुई और हत्या की वारदात पर खत्म होती दिख रही है। अनिल एक राजमिस्त्री था, परिवार का जिम्मेदार सदस्य और तीन छोटे बच्चों का पिता। 25 अक्टूबर की रात वह घर से लापता हुआ। अगले दिन उसकी पत्नी काजल ने परिजनों को बताया कि अनिल गायब है।
कातिल पत्नी का कबूलनामा: प्रेमी लाया था नींद की गोलियां, बाइक पर 15 किमी ले गए, जिंदा नहर में फेंका पति
मेरठ के रोहटा क्षेत्र में अवैध संबंध के विरोध पर काजल ने प्रेमी आकाश और उसके दोस्त बादल की मदद से पति अनिल को नींद की गोलियां खिलाकर जिंदा गंगनहर में फेंक दिया। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया जबकि गंगनहर में अनिल की तलाश जारी है।
खाना… नींद की गोलियां… और अचेत होते ही बुलाए गए साथलिस
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि 25 अक्टूबर को रात में खाना खाने से पहले ही हत्या की साजिश रची चुकी थी। काजल के प्रेमी आकाश ने बाजार से नींद की गोलियां लाकर दीं।प्रेमी आकाश के कहने पर काजल ने नींद की गोलियां खाने में मिलाकर पति अनिल को दे दीं। अनिल ने खाना खाया और धीरे-धीरे अचेत होने लगा। इसी दौरान काजल ने फोन कर आकाश और उसके दोस्त बादल को बुलाया।
दोनों रात करीब दो बजे घर पहुंचे। उस समय अनिल अपनी हालत में खुद को संभालने में असमर्थ था। पुलिस के अनुसार, तीनों पहले से तय योजना का अनुसरण कर रहे थे। अनिल को घर से बाहर निकालने के लिए उन्होंने बाइक का इस्तेमाल किया। बीच में अनिल को बैठाया, पीछे आकाश बैठा और बादल बाइक चला रहा था। यह वह वक्त था जब घर की दीवारों के अंदर मौजूद एक रिश्ते ने स्थायी रूप से अपना अर्थ खो दिया। घटना में किसी बाहरी दबाव या तत्काल झगड़े का कोई एंगल नहीं, बल्कि तैयारी और सोच-समझकर बनाया गया कदम सामने आया।
आधी रात को 15 किलोमीटर की यात्रा…और किसी को भनक तक न लगी
बागपत जनपद के रसूलपुर से सिवालखास गंगनहर तक की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है। तीनों आरोपी बाइक पर रात के अंधेरे में उसे लेकर निकले। रास्ता सुनसान था और कोई पुलिस चेकिंग नहीं चल रही थी।
इस यात्रा के दौरान उनकी योजना में कोई असमंजस या घबराहट नहीं दिखी। क्योंकि यह एक तय, सोची-समझी दिशा में की जा रही कार्रवाई थी। यहां पुलिस पर भी सवाल उठता है कि क्या 15 किलोमीटर तक पुलिस को भी भनक नहीं लगी।
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गंगनहर के किनारे… दुपट्टे से गला दबाने की कोशिश, फिर जिंदा ही नहर में फेंका
सिवालखास गंगनहर पुल पर पहुंचकर दोनों ने मिलकर अनिल को नीचे उतारा। पुलिस पूछताछ में आकाश और बादल ने बताया कि काजल का दुपट्टा पहले से इस योजना के लिए रखा गया था।
दुपट्टे से अनिल का गला दबाने की कोशिश की गई। वह बेहोशी की हालत में था, लेकिन चिकित्सकों की मानें तो ऐसी अवस्था में भी शरीर में हलचल बनी रहती है। इससे घटना की नीयत और क्रूरता दोनों साफ होती हैं-गला घोटने से भी अनिल की मौत नहीं हुई तो जिंदा ही गंगनहर में फेंक दिया गया। शायद वह उस वक्त जीवित था, मदद की उम्मीद कर रहा था।
दो साल पुराना रिश्ता… और परिवार पर भारी पड़ा प्रेम का भ्रम
एसपी देहात के अनुसार, काजल और आकाश के दो साल से संबंध थे। अनिल इसका विरोध करता था। कई बार परिवारों के बीच बात भी हुई। लेकिन काजल और आकाश ने इस संबंध को खत्म करने की बजाय, जीवन समाप्त करने की राह चुनी। यहां सवाल प्रेम का नहीं, अहं और अधिकार भावना का है, जहां किसी इंसान की मौजूदगी बाधा लगने लगे।