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Chaitra Navratri 2022: शिव की नगरी काशी में नौ गौरी का अलग-अलग मंदिर, जानिए इनका महात्म

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी Published by: उत्पल कांत Updated Sat, 02 Apr 2022 10:31 AM IST
सार

Chaitra Navratri

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Chaitra Navratri 2022 Different temples of 9 devi Gauri in Kashi Varanasi know their greatness
मां दुर्गाकुंड मंदिर - फोटो : अमर उजाला
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सात वार नौ त्योहार वाली काशी के त्योहार व पर्व मनाने का अंदाज भी अलग है। काशी को धर्म की नगरी कहा जाता है। मान्यता है कि ये शहर भगवान शिव के त्रिशूल पर बसा हुआ है। फिर जहां शिव होंगे, वहां देवी गौरी भी होंगी। यहां नवदुर्गा के साथ नौ गौरी के दर्शन का विधान है। नए संवत्सर के साथ शुरू होने वाले वासंतिक नवरात्र में माता के नौ गौरी स्वरूप का पूजन-अर्चन किया जाएगा।

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भक्त मुख निर्मालिका गौरी का आशीष लेकर व्रत की शुरुआत करेंगे और तीसरे दिन सौभाग्य गौरी से सौभाग्य की कामना करेंगे। काशी में देवी गौरी के नौ रूपों का मंदिर अलग-अलग स्थानों पर स्थित है। नवरात्रि के पहले दिन माता मुखनिर्मालिका गौरी के दर्शन का विधान बताया गया है।

जिस दिन जिस गौरी के दर्शन का महात्म होता है उस दिन उसी मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर आपको बताते हैं अलग-अलग गौरी का महात्म और काशी में कहां-कहां स्थित हैं नौ गौरियों का मंदिर। नीचे की स्लाइड्स में देखें.....
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प्रथम मुख निर्मालिका गौरी

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मां शैलपुत्री - फोटो : फाइल
वासंतिक नवरात्र के पहले दिन मुख निर्मालिका गौरी का पूजन होता है। इनका विग्रह गायघाट स्थित हनुमान मंदिर में स्थित है। वहीं शक्ति के उपासक पहले दिन शैलपुत्री देवी का पूजन-अर्चन भी करते हैं। शैलपुत्री का मंदिर अलईपुर इलाके में स्थित है।
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द्वितीय ज्येष्ठा गौरी

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ब्रह्मचारिणी। - फोटो : अमर उजाला
दूसरे दिन ज्येष्ठा गौरी के दर्शन पूजन की मान्यता है। इनका मंदिर कर्णघंटा के सप्तसागर क्षेत्र में स्थित है। नव दुर्गा के पूजा के क्रम में दूसरे दिन शक्ति के उपासक ब्रह्मचारिणी देवी का भी दर्शन-पूजन करते हैं। इनका विग्रह ब्रह्माघाट इलाके में है।

तृतीय सौभाग्य गौरी

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नवरात्रि - फोटो : iStock
तीसरे दिन सौभाग्य गौरी के दर्शन-पूजन का महात्मय है। देवी का विग्रह ज्ञानवापी क्षेत्र स्थित सत्यनारायण मंदिर के अंदर स्थित है। नव दुर्गा के क्रम में तीसरे दिन चंद्रघंटा देवी के दर्शन-पूजन की मान्यता है। इनका मंदिर चौक क्षेत्र में है।
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चतुर्थ शृंगार गौरी

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दुर्गा मंदिर - फोटो : amar ujala
चौथे दिन शृंगार गौरी के पूजन की मान्यता है। इन भगवती का विग्रह ज्ञानवापी परिसर में स्थित है। शक्ति के उपासक इस दिन कूष्मांडा देवी की आराधना करेंगे। मां दुर्गा का मंदिर दुर्गाकुंड क्षेत्र में स्थित है। 
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