कार्तिक माह की चतुर्थी पर अखंड सुहाग के लिए करवाचौथ का व्रत रखा जाएगा। काशी के ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार करवाचौथ पर कई विशिष्ट संयोग बन रहे हैं। करवा चौथ का चांद इस बार रोहिणी नक्षत्र में निकलेगा। चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी 24 अक्तूबर को मिल रही है और पांच राजयोग में सुहागिनें पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखेंगी। दिन भर निर्जला व्रत रहने के बाद शाम को सुहागिनें चंद्रमा को अर्घ्य देकर अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी।
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काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पं. दीपक मालवीय ने बताया कि कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को सुहागिन महिलाएं अपना अखंड सौभाग्य बनाए रखने के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। चतुर्थी तिथि 23 अक्तूबर को मध्य रात्रि के बाद 12:43 बजे से लेकर रविवार 24 अक्टूबर को मध्यरात्रि के बाद 2:51 बजे तक रहेगी। सुहागिन महिलाएं रात 7:52 बजे के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देंगी। आगे की स्लाइड्स में देखें...
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karwa chauth 2021 : सांकेतिक चित्र।
- फोटो : फाइल
ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि वामन पुराण में चतुर्थी व्रत का उल्लेख है। यह व्रत कार्तिक कृष्ण की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को रखा जाता है। इस बार करवा चौथ बेहद खास है। पांच योगों का संयोग (शशमहापुरुष योग, उभयचरी योग, शंख योग, शुभकर्तरी योग, विमल योग) सुहागिनों के अखंड सौभाग्य को बढ़ाएगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र ने बताया कि इस बार करवाचौथ पर कई विशिष्ट संयोग बन रहे हैं। करवा चौथ का चांद इस बार रोहिणी नक्षत्र में निकलेगा।
इस नक्षत्र में व्रत रखना बेहद शुभफलदायी होता है। मान्यता है कि इस नक्षत्र में चंद्र दर्शन करने से व्रती को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
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करवाचौथ 2021
- फोटो : अमर उजाला
प्यार और पूजा के ऊंचे मानकों पर स्थापित करवाचौथ व्रत पर सुहागिनें में इस बार खास उत्साह देखा जा रहा है। वाराणसी के बाजारों में मेंहदी से लेकर साड़ी की मैचिंग के हिसाब से ज्वेलरी की खरीदारी जोरो पर है। कई महिलाएं व्रत के चलते ब्यूटी पार्लर नहीं जाना चाहती हैं। ऐसे में वे ब्यूटीशियन को घर पर ही बुला रही हैं।