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तलाक, गुजारा भत्ता और बच्चों की कस्टडी: पति-पत्नी के झगड़े, फिर कोर्ट कचहरी; टूटने की कगार पर 10 हजार शादियां

अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Fri, 21 Nov 2025 09:09 AM IST
सार

शादी के कुछ दिन नहीं बल्कि वर्षों बाद दंपतियों में मनमुटाव के ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनकी वजह से रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच रहा है। होईकोर्ट ने भी इन बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। आखिर इनके पीछे की मुख्य वजह क्या है। आइये जानते हैं...
 

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Family Disputes Surge: Over 30,000 Marital Cases Filed in Six Years, Courts Overloaded
court new - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पति पत्नी के बीच पारिवारिक विवाद तेजी से बढ़ रहे हैं। छोटी-छोटी बातों पर शुरू हुए झगड़े अब सीधे अदालत की चौखट तक पहुंच रहे हैं। दीवानी स्थित परिवार न्यायालय में पिछले 6 वर्षों में 30 हजार से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं। कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने भी इस पर चिंता जताई थी। प्रदेश में लंबित मुकदमों की जानकारी मांगी थी।
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पारिवारिक न्यायालयों में इस समय करीब 10 हजार से अधिक मुकदमों की सुनवाई चल रही है। इनमें तलाक, गुजारा भत्ता, बच्चों की कस्टडी व संरक्षण से जुड़े विवाद ज्यादा हैं। माता-पिता ने अपने बच्चों से गुजारा भत्ते की मांग को लेकर भी अदालत का रुख अपनाया है। पुलिस भी केस दर्ज करने से पहले परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग कराती है। अगर काउंसलिंग न कराई जाए तो संख्या और बढ़ जाएगी।
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केस:1-विनिता ने पति से अलगाव के बाद वर्ष 2014 में भरण-पोषण भत्ता पाने के लिए परिवार न्यायालय में वाद दायर किया था। वर्ष 2018 में 7 हजार रुपये भत्ता तय हुआ जो वर्ष 2022 में 11 हजार हो गया। दो लाख रुपये से अधिक भत्ते की रकम बाकी है। हर माह भत्ता समय से नहीं मिल रहा है।

केस:2-सिकंदरा थाना क्षेत्र की युवती की शादी 2019 में दिल्ली में हुई थी। कारोबारी पति से वर्ष 2023 में विवाद के बाद मायके आ गई। पति लेने नहीं आया तो परिवार न्यायालय में वाद दायर कर दिया। काउंसलिंग में दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। पत्नी ने पति पर शराब पीकर मारपीट करने के आरोप लगाए तो पति ने पत्नी पर अंजान से फोन पर बात करने का आरोप लगाया।

पिछले 6 वर्षों में दायर मुकदमों की संख्या
2020: लगभग 3,700
2021: 5,000
2022: 5,000
2023: 6,200
2024: 6,600
2025: अब तक 5 हजार से अधिक
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