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UP: डकैती, अपहरण और दुष्कर्म…इन मामलों में भी लापरवाह हुई पुलिस, कोर्ट में गवाही से बच रहे विवेचक
दुर्गेश चाहर, संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Fri, 07 Nov 2025 09:39 AM IST
सार
पुलिस डकैती, अपहरण और दुष्कर्म जैसे मुकदमों में भी लापरवाह बनी हुई है। इन मामलों के विवेचक आदेश के बाद भी गवाही देने नहीं पहुंच रहे हैं।
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- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
डकैती, अपहरण और दुष्कर्म जैसे मुकदमों में वर्षों गुजरने के बाद भी विवेचक अदालत में गवाही देने नहीं आ रहे हैं। उनकी वजह से कई मुकदमे लंबित हैं। पीड़ित न्याय के लिए भटक रहे हैं। अदालत की ओर से वेतन रोकने से लेकर गिरफ्तारी वारंट तक जारी किए जा चुके हैं, लेकिन विवेचकों की मनमानी जारी है। इससे पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी हो रही है।
केस-1
थानाध्यक्ष को भेजें अन्यथा खुद दें स्पष्टीकरण
थाना ताजगंज में वर्ष 2012 में डकैती व अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। तत्कालीन विवेचक लोकेश भाटी ने विवेचना के बाद आरोपी जितेंद्र, राजू, मुनेश, विजय उर्फ नेपाली, मंगल, सतेंद्र और मनोज के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया था। विवेचक वर्तमान में थाना पटियाली, कासगंज में थानाध्यक्ष हैं। अदालत ने उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट, नोटिस जारी किए। इसके बाद भी वह अदालत में गवाही देने नहीं पहुंचे। थानाध्यक्ष लोकेश भाटी ने दलील दी कि पुलिस अधीक्षक कासगंज ने उन्हें अनुमति प्रदान नहीं की। इस वजह से हाजिर होने में असमर्थ हैं। तब एडीजे-12 महेंद्र कुमार ने आदेश में कहा कि जनपद के शीर्ष पुलिस अधिकारी का न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया जाना अत्यंत आपत्तिजनक है। वह लोकेश भाटी को कार्यमुक्त कर साक्ष्य अंकित कराने के लिए 10 नवंबर को अदालत में उपस्थित कराना सुनिश्चित करें अन्यथा हाजिर होकर अपना स्पष्टीकरण दें।
केस-2
थानाध्यक्ष को गिरफ्तार कर करें पेश
पिनाहट में वर्ष 2019 में डकैती के दौरान हत्या व अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। अब मुकदमा एडीजे-12 महेंद्र कुमार की अदालत में वाद राज्य बनाम रामनरेश उर्फ खूनी व अन्य के खिलाफ लंबित है। थानाध्यक्ष टूंडला अंजीश कुमार उस समय पिनाहट थाने में तैनात थे और मुकदमे के विवेचक थे। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए उनकी गवाही होना महत्वपूर्ण है। डकैती के दौरान युवक की हत्या के मामले में विवेचक रहे वर्तमान थानाध्यक्ष टूंडला अंजीश कुमार के खिलाफ गवाही के लिए पेश न होने पर अदालत ने गिरफ्तारी वारंट तक जारी किया है। 22 बार तारीख लगने के बाद भी वह हाजिर नहीं हुए हैं। एडीजे-12 महेंद्र कुमार ने थानाध्यक्ष को गिरफ्तार कर 7 नवंबर को अदालत में पेश करने के लिए पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद को आदेश दिए हैं। आदेश का अनुपालन न करने पर एसपी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना होगा।
केस-3
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दें गवाही
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनिका चौधरी की अदालत में थाना बाह से संबंधित वर्ष 2021 का मुकदमा लंबित है। मामला राज्य बनाम अवनीश उर्फ अंशुल के विरुद्ध युवती के अपहरण एवं पॉक्सो एक्ट का है। विवेचक उपनिरीक्षक आदित्य खोखर के अतिरिक्त सभी गवाहों की गवाही दर्ज हो चुकी है। अदालत की ओर से पारित कई प्रतिकूल आदेश के बाद भी उपनिरीक्षक आदित्य खोखर गवाही देने अदालत नहीं आए। इस वजह से अदालत ने उनका वेतन रोकने के एसएसपी अलीगढ़ को आदेश दिए थे। अगर हाजिर नहीं हो सकते तो जनपद न्यायालय अलीगढ़ में उपस्थिति सुनिश्चित कराकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही दर्ज कराने के लिए कहा गया।
उच्च न्यायालय करता है निगरानी
डीजीसी राधाकृष्ण गुप्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय सत्र न्यायालय में लंबित मुकदमों की निगरानी करता है। जब किसी भी मुकदमे में विशेष गवाह प्रतिकूल आदेश पारित होने पर भी गवाही देने नहीं आता है तो अदालत उनके खिलाफ वेतन रोकने से लेकर गिरफ्तारी तक के आदेश जारी करती है।
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केस-1
थानाध्यक्ष को भेजें अन्यथा खुद दें स्पष्टीकरण
थाना ताजगंज में वर्ष 2012 में डकैती व अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। तत्कालीन विवेचक लोकेश भाटी ने विवेचना के बाद आरोपी जितेंद्र, राजू, मुनेश, विजय उर्फ नेपाली, मंगल, सतेंद्र और मनोज के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया था। विवेचक वर्तमान में थाना पटियाली, कासगंज में थानाध्यक्ष हैं। अदालत ने उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट, नोटिस जारी किए। इसके बाद भी वह अदालत में गवाही देने नहीं पहुंचे। थानाध्यक्ष लोकेश भाटी ने दलील दी कि पुलिस अधीक्षक कासगंज ने उन्हें अनुमति प्रदान नहीं की। इस वजह से हाजिर होने में असमर्थ हैं। तब एडीजे-12 महेंद्र कुमार ने आदेश में कहा कि जनपद के शीर्ष पुलिस अधिकारी का न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया जाना अत्यंत आपत्तिजनक है। वह लोकेश भाटी को कार्यमुक्त कर साक्ष्य अंकित कराने के लिए 10 नवंबर को अदालत में उपस्थित कराना सुनिश्चित करें अन्यथा हाजिर होकर अपना स्पष्टीकरण दें।
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केस-2
थानाध्यक्ष को गिरफ्तार कर करें पेश
पिनाहट में वर्ष 2019 में डकैती के दौरान हत्या व अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। अब मुकदमा एडीजे-12 महेंद्र कुमार की अदालत में वाद राज्य बनाम रामनरेश उर्फ खूनी व अन्य के खिलाफ लंबित है। थानाध्यक्ष टूंडला अंजीश कुमार उस समय पिनाहट थाने में तैनात थे और मुकदमे के विवेचक थे। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए उनकी गवाही होना महत्वपूर्ण है। डकैती के दौरान युवक की हत्या के मामले में विवेचक रहे वर्तमान थानाध्यक्ष टूंडला अंजीश कुमार के खिलाफ गवाही के लिए पेश न होने पर अदालत ने गिरफ्तारी वारंट तक जारी किया है। 22 बार तारीख लगने के बाद भी वह हाजिर नहीं हुए हैं। एडीजे-12 महेंद्र कुमार ने थानाध्यक्ष को गिरफ्तार कर 7 नवंबर को अदालत में पेश करने के लिए पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद को आदेश दिए हैं। आदेश का अनुपालन न करने पर एसपी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना होगा।
केस-3
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दें गवाही
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनिका चौधरी की अदालत में थाना बाह से संबंधित वर्ष 2021 का मुकदमा लंबित है। मामला राज्य बनाम अवनीश उर्फ अंशुल के विरुद्ध युवती के अपहरण एवं पॉक्सो एक्ट का है। विवेचक उपनिरीक्षक आदित्य खोखर के अतिरिक्त सभी गवाहों की गवाही दर्ज हो चुकी है। अदालत की ओर से पारित कई प्रतिकूल आदेश के बाद भी उपनिरीक्षक आदित्य खोखर गवाही देने अदालत नहीं आए। इस वजह से अदालत ने उनका वेतन रोकने के एसएसपी अलीगढ़ को आदेश दिए थे। अगर हाजिर नहीं हो सकते तो जनपद न्यायालय अलीगढ़ में उपस्थिति सुनिश्चित कराकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही दर्ज कराने के लिए कहा गया।
उच्च न्यायालय करता है निगरानी
डीजीसी राधाकृष्ण गुप्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय सत्र न्यायालय में लंबित मुकदमों की निगरानी करता है। जब किसी भी मुकदमे में विशेष गवाह प्रतिकूल आदेश पारित होने पर भी गवाही देने नहीं आता है तो अदालत उनके खिलाफ वेतन रोकने से लेकर गिरफ्तारी तक के आदेश जारी करती है।