कूड़े का पहाड़ होगा खत्म: छेरत में लगेगा कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट, रोजाना 700 मीट्रिक टन कचरा होगा निस्तारित
यह प्रोसेसिंग प्लांट डिजाइन-बिल्ड-ऑपरेट मॉडल पर 25 वर्ष तक चलेगा। इससे शहर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रह के बाद कहीं भी डंपिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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अलीगढ़ शहर की सबसे बड़ी स्वच्छता परियोजना को अब मूर्त रूप मिलने लगा है। मथुरा बाईपास पर पुराने कचरे (लिगेसी वेस्ट) के निस्तारण के साथ-साथ अब रोजाना निकलने वाले नए कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण के लिए छेरत में 700 टन प्रतिदिन क्षमता वाला आधुनिक ठोस अपशिष्ट प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा। कार्य 15 दिसंबर से शुरू होने की संभावना है।
नगर निगम ने शहर को स्वच्छ रखने के लिए दो माह पहले बनाए प्लान पर काम शुरू कर दिया है। नोएडा की इको स्टैन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड ही यह प्लांट लगाएगी। नए प्लांट में तीन हाई-स्पीड स्टोल मशीनें लगाई जाएंगी, जो रोजाना शहर से आने वाले पूरे 700 टन कचरे को प्रोसेस कर आरडीएफ, कम्पोस्ट और अन्य उपयोगी सामग्री में बदलेगी।
कंपनी को जमीन उपलब्ध कराने के लिए नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने अफसरों के साथ पांच नवंबर को शहर के चारों कोनों में करीब 40 किलोमीटर का दौरा कर छेरत स्थित एमएफ टावर के पास उपयुक्त जमीन चिह्नित की थी। यह जमीन ग्राम समाज की है, जिसका पुनर्ग्रहण अंतिम चरण में है। 20 हेक्टेयर जमीन जैसे ही विधिवत हस्तांतरित हो जाएगी, नगर निगम बाउंड्रीवाल व लेवलिंग कराकर कंपनी को सौंप देगा। इसके तुरंत बाद प्लांट स्थापना का कार्य शुरू हो जाएगा।
यह प्रोसेसिंग प्लांट डिजाइन-बिल्ड-ऑपरेट मॉडल पर 25 वर्ष तक चलेगा। इससे शहर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रह के बाद कहीं भी डंपिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। पूरे कचरे का वैज्ञानिक निस्तारण होगा। दोनों प्लांट शुरू होने के बाद महानगर वास्तव में कचरा-मुक्त और स्वच्छ शहर की श्रेणी में शामिल हो सकेगा।-प्रेम प्रकाश मीणा, नगर आयुक्त
पंद्रह महीने में खत्म होगा कूड़े का पहाड़, प्लांट शुरू
लंबे समय से मथुरा रोड एटूजेड प्लांट पर जमा लगभग 11 लाख मीट्रिक टन कूड़े के पहाड़ का निस्तारण 9 दिसंबर से शुरू हो गया है। नगर निगम का दावा है कि 15 माह में पुराने कचरे का निस्तारण वैज्ञानिक तकनीक से कर दिया जाएगा। इस प्लांट पर प्रतिदिन 4000-5000 मीट्रिक टन कचरे की प्रोसेसिंग होगी।
महापौर प्रशांत सिंघल और नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने पूजा-अर्चना और फीता काट कर शुभारंभ किया। नोएडा की कंपनी इको स्टैन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। कंपनी ने हाई-स्पीड किलमैन मशीन लगाई है, जिसकी क्षमता 100 टन प्रति घंटा है। ट्रायल में मशीन ने 50 टन प्रति घंटा की रफ्तार दिखाई। निस्तारण के बाद उत्पन्न आरडीएफ, वेस्ट-टू-एनर्जी सामग्री को सीमेंट फैक्टरियों, प्लास्टर एवं पेपर मिलों में सप्लाई किया जाएगा। कंपनी हर दिन शहर से निकलने वाले 700 टन नए ठोस कचरे की डिजाइन-बिल्ड-ऑपरेट आधार पर 25 वर्ष तक वैज्ञानिक रूप से निस्तारण करेगी।