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अलीगढ़ः साथा चीनी मिल को लेकर किसान पूछेंगे जनप्रतिनिधियों से सवाल
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कई वर्षों से गन्ना किसानों के लिए परेशानियों का सबब बनी साथा चीनी मिल की नई यूनिट स्थापना को लेकर किसानों के सुर मुखर हो गए हैं। उन्होंने समस्या को लेकर 12 सितंबर को सुबह दस बजे से साथा चीनी मिल किसान संघर्ष समिति के बैनर तले साथा मिल पर महापंचायत की घोषणा की है। महापंचायत के लिए जन प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है। यहां किसान उनसे संवाद कर सवाल पूछेंगे कि उन्होंने पिछले चार साल में मिल की नई यूनिट स्थापना के लिए क्या किया।
इस आशय की घोषणा मोर्चा के नेताओं ने मेरिस रोड स्थित रेस्टोरेंट में प्रेस से रूबरू होते हुए की। भारतीय किसान यूनियन भानु के प्रदेश महासचिव डॉ. शैलेंद्र पाल सिंह ने बताया कि साथा चीनी मिल अलीगढ़ मंडल में एक मात्र चीनी मिल है, जो 52 वर्ष पुरानी होने के कारण बहुत खराब स्थित में है। इसके कल पुर्जे भी आसानी से नहीं मिलते हैं। पिछले 7 साल से चली आ रही इस समस्या के चलते पेराई के समय किसानों को यहां-वहां भटकना पड़ता है। इसी समस्या को लेकर 12 सितंबर रविवार को सुबह 10 बजे से किसान पंचायत का आयोजन साथा चीनी मिल पर किया जाएगा। रवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस पंचायत में अलीगढ़ के सभी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
ब्रिजेश पाल सिंह ने बताया कि मिल में गन्ने की पेराई न होने से किसान को अपना गन्ना 200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चारे के रूप में बेचना पड़ता है। जन प्रतिनिधियों से पूछा जाएगा कि उन्होंने पिछले चार साल में मिल की नई यूनिट लगवाने के लिए क्या प्रयास किए। कुसुम सिंह ने बताया कि चीनी मिल न चलने के कारण 70 प्रतिशत किसान गन्ने की खेती छोड़कर गेहूं और धान की खेती करने लगे हैं। दीपक ठाकुर व अजीत सिंह ने कहा कि अलीगढ़ के प्रभारी मंत्री गन्ना मंत्री होने के बावजूद पिछले चार साल में गन्ना किसानों की समस्या हल नहीं करा सके हैं। यदि अभी भी सुनवाई नहीं हुई तो 2022 में किसान इसका जवाब देगा।
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इस आशय की घोषणा मोर्चा के नेताओं ने मेरिस रोड स्थित रेस्टोरेंट में प्रेस से रूबरू होते हुए की। भारतीय किसान यूनियन भानु के प्रदेश महासचिव डॉ. शैलेंद्र पाल सिंह ने बताया कि साथा चीनी मिल अलीगढ़ मंडल में एक मात्र चीनी मिल है, जो 52 वर्ष पुरानी होने के कारण बहुत खराब स्थित में है। इसके कल पुर्जे भी आसानी से नहीं मिलते हैं। पिछले 7 साल से चली आ रही इस समस्या के चलते पेराई के समय किसानों को यहां-वहां भटकना पड़ता है। इसी समस्या को लेकर 12 सितंबर रविवार को सुबह 10 बजे से किसान पंचायत का आयोजन साथा चीनी मिल पर किया जाएगा। रवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस पंचायत में अलीगढ़ के सभी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
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ब्रिजेश पाल सिंह ने बताया कि मिल में गन्ने की पेराई न होने से किसान को अपना गन्ना 200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चारे के रूप में बेचना पड़ता है। जन प्रतिनिधियों से पूछा जाएगा कि उन्होंने पिछले चार साल में मिल की नई यूनिट लगवाने के लिए क्या प्रयास किए। कुसुम सिंह ने बताया कि चीनी मिल न चलने के कारण 70 प्रतिशत किसान गन्ने की खेती छोड़कर गेहूं और धान की खेती करने लगे हैं। दीपक ठाकुर व अजीत सिंह ने कहा कि अलीगढ़ के प्रभारी मंत्री गन्ना मंत्री होने के बावजूद पिछले चार साल में गन्ना किसानों की समस्या हल नहीं करा सके हैं। यदि अभी भी सुनवाई नहीं हुई तो 2022 में किसान इसका जवाब देगा।