Aligarh News: बिना पंजीकरण चल रहा लॉर्ड कृष्णा हॉस्पिटल सील, 50 अस्पतालों पर भी मारे छापे
अलीगढ़ में झोलाछाप और बिना पंजीकरण संचालित अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाया। विभाग ने 50 से अधिक अस्पतालों का निरीक्षण किया। इस दौरान कई अस्पतालों को सील कर दिया गया।
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अलीगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने बिना पंजीकरण और बीएएमएस चिकित्सक के द्वारा महिला की डिलिवरी कराने के मामले में क्वार्सी चौराहे पर स्थित लॉर्ड कृष्णा हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है। स्वर्ण जयंती निवासी शोभित भारद्वाज की शिकायत पर नोडल अधिकारी अमित कुमार शर्मा ने यह कार्रवाई की है।
शोभित ने प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी को क्वार्सी चौराहे से एटा चुंगी बाईपास की ओर जाने वाले रोड पर स्थित लॉर्ड कृष्णा हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। जन्म के बाद जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ गई। उन्होंने चिकित्सक से मिलकर परेशानी का कारण जानना चाहा। आरोप है कि जिन चिकित्सक का नाम डिलिवरी के समय बताया था, वह अस्पताल में नहीं मिलीं। उनके स्थान पर बीएएमएस चिकित्सक से मुलाकात कराई।
इसकी शिकायत पीड़ित ने सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी से की। सीएमओ ने इसकी जांच नोडल अधिकारी डॉ. अमित कुमार शर्मा को सौंपी। डॉ. अमित ने हॉस्पिटल पहुंच कर जांच की। अस्पताल संचालक, स्टाफ और चिकित्सक से पूछताछ की। इसके बाद पीड़ित का बयान दर्ज किया। पंजीकरण नोडल अधिकारी से पंजीकरण की जानकारी ली तो पता चला कि अस्पताल बिना पंजीकरण चल रहा है। सोमवार को नोडल अधिकारी अमित कुमार शर्मा व लिपिक हरवीर सिंह ने अस्पताल को सील कर दिया।
हॉस्पिटल की शिकायत आई। जांच की गई तो बिना पंजीकरण अस्पताल संचालित मिला। साथ ही कई सारी कमियां और जांच में दोषी मिले। इस कारण अस्पताल को सील किया गया है। - डॉ. नीरज त्यागी, सीएमओ
छह माह पूर्व एक महिला की डिलिवरी हुई। उसके पति ने बच्चे के ऊपर देखने की शिकायत की थी। अस्पताल पहले से पंजीकृत है। नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन कर रखा गया है। ऑन काल डॉ. तरंग सलूजा अस्पताल में डिलिवरी कराने आती हैं। उस समय वह नहीं आ पाई इस कारण बीएएमएस चिकित्सक ने डिलिवरी कराई गई थी। - सोनू राघव, लॉर्ड कृष्णा हॉस्पिटल संचालक
50 अस्पतालों पर मारा छापा, कई सील
अलीगढ़ जिले में झोलाछाप और बिना पंजीकरण संचालित अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने 22 दिसंबर को अभियान चलाया। विभाग ने 50 से अधिक अस्पतालों का निरीक्षण किया। इस दौरान कई अस्पतालों को सील कर दिया गया। नोडल अधिकारी डॉ. अमित कुमार शर्मा ने संदिग्ध चिकित्सा इकाइयों का क्षेत्रवार औचक निरीक्षण किया। इस दौरान नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कई अस्पतालों और क्लीनिकों को तत्काल सील कर दिया गया। कुछ इकाइयों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किए गए थे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि निजी चिकित्सा इकाइयों का पंजीकरण या नवीनीकरण केवल ऑनलाइन पोर्टल पर दस्तावेज सत्यापन और स्थलीय निरीक्षण के बाद ही जारी किया जाता है। जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अवैध अस्पतालों और झोलाछापों के विरुद्ध अभियान आगे भी जारी रहेगा।
