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Aligarh News: 24 साल बाद आया फैसला, सेंट्रल बैंक के रुपये हड़पने में दोषी को तीन वर्ष की सजा
अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़
Published by: चमन शर्मा
Updated Fri, 05 Dec 2025 02:53 PM IST
सार
शशिपाल सिंह ने प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत वेल्डिंग की दुकान के लिए 40 हजार रुपये ऋण मंजूर कराया। उसे पहली किस्त यंत्र उपकरण खरीदने के लिए दी गई। उन्होंने मशीन क्रय करने का बिल जमा कर दिया। शपथ पत्र देकर वेल्डिंग मशीन, बरमा, ग्राइंडर आदि यंत्रों की खरीद का सत्यापन करने के लिए दूसरी किस्त मांगी। पता चला कि कोई यंत्र नहीं मिला और न कारोबार शुरू हुआ।
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कोर्ट
- फोटो : प्रतीकात्मक
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विस्तार
इगलास की सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से रुपये हड़पने के मामले में दोषी शशिपाल सिंह को तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है। यह निर्णय न्यायिक मजिस्ट्रेट इगलास गंधर्व पटेल की अदालत ने सुनाया है।
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26 जुलाई 2001 को इगलास की सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि गांव कनौरा के शशिपाल सिंह ने प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत वेल्डिंग की दुकान के लिए 40 हजार रुपये ऋण मंजूर कराया। 26 मार्च 2000 को पहली किस्त यंत्र उपकरण खरीदने के लिए दी गई। उन्होंने मशीन क्रय करने का बिल जमा कर दिया।
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साथ में छह मई 2000 को शपथ पत्र देकर वेल्डिंग मशीन, बरमा, ग्राइंडर आदि यंत्रों की खरीद का सत्यापन करने के लिए दूसरी किस्त मांगी गई, लेकिन 22 मई 2000 को जब तत्कालीन प्रबंधक बीएस सारस्वत व उप प्रबंधक अरुण कुमार गोयल ने निरीक्षण किया तो वहां कोई यंत्र नहीं मिला और न कारोबार शुरू हुआ था। पाया गया कि उसने किस्त प्राप्त करने के लिए झूठा शपथ पत्र दिया था। साथ में बैंक से धन प्राप्त कर लिया था। इसी मामले में पुलिस चार्जशीट पर कोर्ट ने सजा सुनाई है।