Aligarh: 72 साल बाद एएमयू खाली कर रहा गांधी नेत्र चिकित्सालय की बिल्डिंग, बनेगा पैरामेडिकल ट्रेनिंग संस्थान
चिकित्सालय परिसर में जो भवन खाली हो रहा है उसमें बैचलर ऑफ आप्थॉलोजिक पैरामेडिकल ट्रेनिंग की डिग्री कक्षाएं संचालित की जाएंगी। इस चार वर्षीय पाठ्यक्रम में 40 सीटें हैं। इस प्रकार 160 विद्यार्थी यहां पर अध्ययन करेंगे। इसके अलावा 60 सीटों के साथ दो वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम का भी संचालन किया जाएगा।
विस्तार
कभी एशिया में अपनी पहचान रखने वाले गांधी नेत्र चिकित्सालय परिसर में अब बैचलर ऑफ आप्थॉलोजिक पैरामेडिकल ट्रेनिंग संस्थान खुलेगा। यह प्रदेश का बड़ा सेंटर होगा। पीजी कक्षाएं संचालित की जाएंगी। साथ ही दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी शुरू होगा। यह पैरामेडिकल संस्थान चिकित्सालय परिसर के उस भवन में संचालित होगा जो पिछले 72 वर्ष से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पास था। अब एएमयू के नेत्र विज्ञान संस्थान को चिकित्सालय परिसर खाली करने का निर्देश दिया गया है।
चिकित्सालय परिसर में जो भवन खाली हो रहा है उसमें बैचलर ऑफ आप्थॉलोजिक पैरामेडिकल ट्रेनिंग की डिग्री कक्षाएं संचालित की जाएंगी। इस चार वर्षीय पाठ्यक्रम में 40 सीटें हैं। इस प्रकार 160 विद्यार्थी यहां पर अध्ययन करेंगे। इसके अलावा 60 सीटों के साथ दो वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम का भी संचालन किया जाएगा।
एएमयू की कार्यकारिणी परिषद (ईसी) के फैसले के बाद संपत्ति अधिकारी प्रो. मो. आसिफ ने नेत्र विज्ञान संस्थान के निदेशक को निर्देश दिया है कि वह संबंधित इमारत को चिकित्सालय के सचिव और पदेन अध्यक्ष जिलाधिकारी को सौंप दें। सन 1962 में एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज की शुरुआत होने से पहले गांधी नेत्र चिकित्सालय परिसर में नेत्र विज्ञान संस्थान का संचालन शुरू कर दिया गया था।
अब एएमयू का नेत्र विज्ञान संस्थान बिल्डिंग को खाली कर रहा है। इसकी नए सिरे से हम मरम्मत कराएंगे। इसमें करीब तीन महीने लगेंगे। इसके बाद डिग्री और डिप्लोमा कोर्सों का संचालन इसी इमारत में किया जाएगा।- डॉ. मधुप लहरी, चिकित्सालय अधीक्षक, गांधी नेत्र चिकित्सालय
1955 में नेहरू ने किया था उद्घाटन
एएमयू के संपत्ति एवं वक्फ़ विभाग द्वारा 1 दिसंबर 2025 को जारी किए गए एक पत्र के अनुसार संबंधित भवन गांधी आई हॉस्पिटल ट्रस्ट को सौंपा जाएगा। एएमयू का नेत्र विज्ञान संस्थान गांधी नेत्र चिकित्सालय में 1953 से संचालित हो रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1955 में संस्थान का विधिवत उद्घाटन किया था। अब गांधी नेत्र चिकित्सालय प्रशासन इस भवन में नेत्र चिकित्सा संस्थान शुरू करने जा रहा है।