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चांद की हुई तस्दीक, चेहल्लुम का एलान
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: इलाहाबाद ब्यूरो
Updated Wed, 07 Oct 2020 06:50 PM IST
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शहर में शुरू हुई चेहल्लुम की तैयारियां।
- फोटो : अमर उजाला
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प्रयागराज। चांद की तस्दीक के साथ ही चेहल्लुम का एलान कर दिया गया है। इस बार हजरत इमाम हुसैन का चेहल्लुम आख अक्तूबर को मनाया जाएगा। माहे मोहर्रम की 29वीं को सफर -उल -मुरज्जब के चांद की तस्दीक न होने से इमाम हुसैन के चेहल्लुम को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई थी।
शहर-ए-काजी मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी ने मंगलवार को चेहल्लुम आठ अक्तूबर को मनाने का एलान किया। इस्लामी माह सफर-उल-मुरज्जब के चांद की तस्दीक करते हुए उन्होंने कोविड-19 की गाइड लाइन का भी पालन करने की अपील की। उधर, हजरत इमाम हुसैन के चेहल्लुम से पहले 10 दिवसीय अशरे की भी शुरुआत हो चुकी है। घरों व अजाखानों में मजलिसें भी हो रही हैं।
इस बीच उम्मुल बनीन सोसाइटी के महासचिव सैयद मोहम्मद अस्करी ने बताया कि इस बार प्रशासन की तरफ से चेहल्लुम के जुलूस पर गाइड लाइन नहीं आने से मुस्लिम समुदाय में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। चेहल्लुम जुलूस इंतजामियां कमेटी की ओर से निर्णय लिया गया कि अनुमति न मिलने की दशा में चेहल्लुम में शामिल अलम, ताबूत, जुलजनाह, ताजिया, आबिदे बीमार का बिस्तर, हजरत अली असगर का झूला समेत सभी शबीहों को फूलों से सजा कर इमामबाड़े में रखा जाएगा। इमामबाड़े के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क लगा कर लोगों का प्रवेश कराया जायगा। इमामबाड़े में मजलिसें होगी और वहीं पर मातमी अंजुमने नौहा और मातम का नजराना पेश करेंगी।
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शहर-ए-काजी मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी ने मंगलवार को चेहल्लुम आठ अक्तूबर को मनाने का एलान किया। इस्लामी माह सफर-उल-मुरज्जब के चांद की तस्दीक करते हुए उन्होंने कोविड-19 की गाइड लाइन का भी पालन करने की अपील की। उधर, हजरत इमाम हुसैन के चेहल्लुम से पहले 10 दिवसीय अशरे की भी शुरुआत हो चुकी है। घरों व अजाखानों में मजलिसें भी हो रही हैं।
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इस बीच उम्मुल बनीन सोसाइटी के महासचिव सैयद मोहम्मद अस्करी ने बताया कि इस बार प्रशासन की तरफ से चेहल्लुम के जुलूस पर गाइड लाइन नहीं आने से मुस्लिम समुदाय में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। चेहल्लुम जुलूस इंतजामियां कमेटी की ओर से निर्णय लिया गया कि अनुमति न मिलने की दशा में चेहल्लुम में शामिल अलम, ताबूत, जुलजनाह, ताजिया, आबिदे बीमार का बिस्तर, हजरत अली असगर का झूला समेत सभी शबीहों को फूलों से सजा कर इमामबाड़े में रखा जाएगा। इमामबाड़े के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क लगा कर लोगों का प्रवेश कराया जायगा। इमामबाड़े में मजलिसें होगी और वहीं पर मातमी अंजुमने नौहा और मातम का नजराना पेश करेंगी।