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High Court : तलाक लिए बिना दूसरे मर्द से संबंध व्यभिचार है, ऐसे अवैध संबंधों को सुरक्षा नहीं दी जा सकती

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Sun, 16 Nov 2025 06:49 PM IST
सार

Allahabad High Court : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि तलाक लिए बिना महिला का पति के अलावा किसी अन्य पुरुष के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहना द्वि विवाह या व्यभिचार। इस अवैध संबंध को पुलिस सुरक्षा का अधिकार नहीं है।

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Living in a relationship with another man without divorcing the husband
इलाहाबाद हाईकोर्ट। - फोटो : अमर उजाला।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि तलाक लिए बिना महिला का पति के अलावा किसी अन्य पुरुष के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहना द्वि विवाह या व्यभिचार। इस अवैध संबंध को पुलिस सुरक्षा का अधिकार नहीं है। यह टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने तलाक के बिना दूसरे के साथ लिव इन रिलेशन में रह रही महिला व उसके साथी की ओर से सुरक्षा की मांग में दायर याचिका खारिज कर दी।

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की एकल पीठ ने सहारनपुर की महिला व अन्य की याचिका पर दिया है। सहारनपुर निवासी याचियों ने लिव इन में रह रहते हुए अदालत से अपने शांतिपूर्ण जीवन में हस्तक्षेप न करने का निर्देश देने और सुरक्षा प्रदान करने की मांग कर याचिका दायर की थी। अधिवक्ता ने दलील दी कि दोनों याचिकाकर्ता बालिग हैं और अपनी स्वतंत्र इच्छा से साथ रह रहे हैं, लेकिन महिला के पति उनके शांतिपूर्ण जीवन में बाधा डाल रहे हैं। याची महिला ने सहारनपुर के एसएसपी को एक आवेदन पहले पति पर धमकी का आरोप लगा रही थी।

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राज्य के वकील ने दलील दी कि महिला की अभी भी कानूनी रूप से अपने पहले पति रजत की पत्नी है। क्योंकि, किसी भी सक्षम अदालत ने तलाक की डिक्री पारित नहीं की है। तलाक का मुकदमा दायर किया गया है, जो लंबित है। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि याचिकाकर्ताओं के पास सुरक्षा के लिए कोई कानूनी अधिकार नहीं है। मांगी गई सुरक्षा द्विविवाह व व्यभिचार को सुरक्षा देने के बराबर है। याचिकाकर्ता पहले से ही विवाहित हैं और उनका पति या पत्नी जीवित है तो उन्हें पहले पति/पत्नी से तलाक लिए बिना किसी तीसरे व्यक्ति के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की कानूनी अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। 

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