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Farrukhabad News: तीन दिन रहेगा घना कोहरा, आलू-सरसों की फसल पर संकट
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फर्रुखाबाद। कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने जनजीवन काफी प्रभावित किया है। रोडवेज बसों के साथ ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगे हैं। मौसम विभाग ने आगामी तीन दिन तक घना कोहरा रहने का अलर्ट जारी किया है।
पिछले एक सप्ताह से सर्दी सितम ढा रही है। तीन दिन से पूरे दिन कोहरा छाए रहने से हालात और बिगड़ गए हैं। इसका असर बाजार में नजर आ रहा है। सुबह देर से दुकानें खुल रही हैं और शाम को जल्द बंद हो रही हैं। दुकानदारों का कहना है कि ठंड से बिक्री प्रभावित हुई है। किसान आलू की फसल को झुलसा से बचाने के लिए दवा का तेजी से छिड़काव कर रहे हैं। सोमवार तक ऐसा ही मौसम रहने के आसार है। वातावरण में आद्रता 58 प्रतिशत दर्ज की गई है।
प्रशासन की ओर से ने जारी एडवाजरी के अनुसार तापमान गिरने और आद्रता बढ़ने से फसलों में फंफूदीजनित रोगों के लगने की आशंका बढ़ जाती है। मौसम में उतार-चढ़ाव होने पर माहू, थ्रिप्स आदि कीटों का भी खतरा है। आलू व सरसों की फसलें इस समय सबसे अधिक रोगों व कीटों से प्रभावित होती हैं। आलू की फसल में माहू, थ्रिप्स कीटों के नियंत्रण के लिए एजाडिरैक्टिन (नीम ऑयल) 0.15 प्रतिशत ईसी की 2 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। रसायनिक नियंत्रण के लिए डाइमेथोएट 30 प्रतिशत ईसी की 1.5 एमएल मात्रा प्रति लीटर पानी या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल की 1/2 एमएल मात्रा प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।
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पिछले एक सप्ताह से सर्दी सितम ढा रही है। तीन दिन से पूरे दिन कोहरा छाए रहने से हालात और बिगड़ गए हैं। इसका असर बाजार में नजर आ रहा है। सुबह देर से दुकानें खुल रही हैं और शाम को जल्द बंद हो रही हैं। दुकानदारों का कहना है कि ठंड से बिक्री प्रभावित हुई है। किसान आलू की फसल को झुलसा से बचाने के लिए दवा का तेजी से छिड़काव कर रहे हैं। सोमवार तक ऐसा ही मौसम रहने के आसार है। वातावरण में आद्रता 58 प्रतिशत दर्ज की गई है।
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प्रशासन की ओर से ने जारी एडवाजरी के अनुसार तापमान गिरने और आद्रता बढ़ने से फसलों में फंफूदीजनित रोगों के लगने की आशंका बढ़ जाती है। मौसम में उतार-चढ़ाव होने पर माहू, थ्रिप्स आदि कीटों का भी खतरा है। आलू व सरसों की फसलें इस समय सबसे अधिक रोगों व कीटों से प्रभावित होती हैं। आलू की फसल में माहू, थ्रिप्स कीटों के नियंत्रण के लिए एजाडिरैक्टिन (नीम ऑयल) 0.15 प्रतिशत ईसी की 2 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। रसायनिक नियंत्रण के लिए डाइमेथोएट 30 प्रतिशत ईसी की 1.5 एमएल मात्रा प्रति लीटर पानी या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल की 1/2 एमएल मात्रा प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।
