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Farrukhabad News: बहन व उसके प्रेमी की हत्या में चार सगे भाइयों को उम्रकैद
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फर्रुखाबाद। प्रेम-प्रसंग के चलते बहन और उसके प्रेमी की हत्या कर शव नाले में फेंकने के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) द्वितीय ने शुक्रवार को चार सगे भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई। दोषियों पर 12-12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
थाना कमालगंज क्षेत्र के गांव राजेपुर सरायमेदा निवासी महावीर सिंह ने पुत्र रामकरन और उसकी प्रेमिका शिवानी की हत्या के आरोप में गांव की युवती के पांच भाइयों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार छह नवंबर 2022 को दोपहर तीन बजे गांव का रतन उसके घर आया और पुत्र रामकरन को साथ ले गया। 20 मिनट बाद जब वह बेटे की जानकारी करने रतन के घर पहुंचा तो वहां मौजूद रतन, उसके भाई लालू, नितिन, नीतू और कुलदीप ने बताया कि रामकरन और उनकी बहन शिवानी के बीच प्रेम-प्रसंग था। इसी कारण उन्होंने दोनों की गर्दन काटकर हत्या कर दी और शव खंता नगला गांव से पहले पुराने नाले के पास फेंक दिए।
इसके बाद वह पत्नी जानकी देवी के साथ पुराने नाले के पास पहुंचे तो बेटे और उसकी प्रेमिका की गर्दन कटी लाशें पड़ी देखीं। मामले में पुलिस ने पांचों भाइयों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज की थी। विवेचना के दौरान साक्ष्यों के अभाव में कुलदीप का नाम बाहर कर दिया गया। विवेचक ने रतन, लालू, नितिन उर्फ टनीया और नीतू के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया। शुक्रवार को हुई अंतिम सुनवाई में न्यायाधीश सतेंद्र वर्मा ने चारों भाइयों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा से दंडित किया।
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थाना कमालगंज क्षेत्र के गांव राजेपुर सरायमेदा निवासी महावीर सिंह ने पुत्र रामकरन और उसकी प्रेमिका शिवानी की हत्या के आरोप में गांव की युवती के पांच भाइयों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार छह नवंबर 2022 को दोपहर तीन बजे गांव का रतन उसके घर आया और पुत्र रामकरन को साथ ले गया। 20 मिनट बाद जब वह बेटे की जानकारी करने रतन के घर पहुंचा तो वहां मौजूद रतन, उसके भाई लालू, नितिन, नीतू और कुलदीप ने बताया कि रामकरन और उनकी बहन शिवानी के बीच प्रेम-प्रसंग था। इसी कारण उन्होंने दोनों की गर्दन काटकर हत्या कर दी और शव खंता नगला गांव से पहले पुराने नाले के पास फेंक दिए।
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इसके बाद वह पत्नी जानकी देवी के साथ पुराने नाले के पास पहुंचे तो बेटे और उसकी प्रेमिका की गर्दन कटी लाशें पड़ी देखीं। मामले में पुलिस ने पांचों भाइयों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज की थी। विवेचना के दौरान साक्ष्यों के अभाव में कुलदीप का नाम बाहर कर दिया गया। विवेचक ने रतन, लालू, नितिन उर्फ टनीया और नीतू के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया। शुक्रवार को हुई अंतिम सुनवाई में न्यायाधीश सतेंद्र वर्मा ने चारों भाइयों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा से दंडित किया।
