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Jhansi: तीन फर्जी फर्मों ने लगाया 13.28 कराेड़ का चूना, पंजीयन निरस्तीकरण के साथ एफआईआर

संवाद न्यूज एजेंसी, झांसी Published by: दीपक महाजन Updated Wed, 17 Sep 2025 09:28 AM IST
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सार

चार साल पहले 2021 में अनियमितताओं के आरोप में निरस्त किए गए एसबी इंटरप्राइजेज काे फिर से पंजीयन दे दिया गया। जाली दस्तावेज के आधार पर फर्म पंजीयन लेकर पहले की तरह कारोबार करने लगी।

Jhansi: Three fake firms defrauded Rs 13.28 crore, FIR lodged along with cancellation of registration
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : istock
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विस्तार
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बोगस फर्म बनाकर करोड़ रुपये की कर चोरी का मामला सामने आया है। फर्माें ने जाली दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी का पंजीकरण कराया और 13.28 करोड़ रुपये हड़प लिए। जांच में पंजीकरण के लिए अपलोड किए गए पैन कार्ड को छोड़कर सभी दस्तावेज कूटरचित पाए गए। अब फर्जी फर्माें का पंजीयन निरस्त करते हुए एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इसके साथ ही इन फर्माें की ओर से जिनके साथ कारोबार किया गया, उनकी कुंडली भी खंगाली जा रही है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी है।
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झांसी रेलवे कॉलोनी के पते पर दर्ज फर्म आरके इंटरप्राइजेज ने सेंट्रल जीएसटी में जून 2025 में पंजीकरण कराया था। फर्म के मालिक राखी वर्मा पत्नी राजेंद्र वर्मा का पता हरियाणा का है। इनके द्वारा 1.35 करोड़ का कारोबार किया गया लेकिन खरीद कहीं से नहीं दिखाई गई। शक होने पर विभागीय टीम ने मौके पर जांच की तो पते पर ऐसी कोई फर्म अस्तित्व में नहीं मिली। पंजीकरण विवरण में दिए गए मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी फर्जी पाए गए।
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जांच में यह भी सामने आया कि फर्म ने दूसरी अन्य फर्म से लेनदेन दिखाकर फर्जी इनवॉइस जारी किए। इनके आधार पर लाखों रुपये का आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) क्लेम (पास ऑन) किया गया। विभागीय अधिकारियों ने साफ किया कि वास्तव में कोई खरीद-बिक्री नहीं हुई। केवल फर्जी इनवॉइस के जरिए राजस्व को भारी चूना लगाया गया। उक्त फर्म द्वारा विभाग को 24.4 लाख रुपये टैक्स चोरी कर नुकसान पहुंचाया गया।

कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पंजीयन

चमड़ा कारोबार के लिए राजगढ़ झांसी के पते पर पंजीकृत एआर इंटरप्राइजेज व एसबी इंटरप्राइजेज ने भी कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पंजीयन प्राप्त किया और टैक्स चोरी की। एआर इंटरप्राइजेज की मालिक अलका पत्नी राकेश मनगर ने अप्रैल 2025 में सेंट्रल जीएसटी में पंजीयन कराया। फर्म ने 50.4 करोड़ का कारोबार किया और 8.32 करोड़ की टैक्स चोरी की। इसके साथ एसबी इंटरप्राइजेज के मालिक कौशाम्बी निवासी एसबी गुप्ता का भी कुछ इसी तरह का कार्य रहा। इन्होंने भी 20.40 करोड़ का कारोबार कर 4.72 करोड़ की टैक्स चोरी की।


पहले भी पंजीयन हो चुका निरस्त

विभागीय लापरवाही कहें या फिर कागजों में बाजीगीरी, चार साल पहले 2021 में अनियमितताओं के आरोप में निरस्त किए गए एसबी इंटरप्राइजेज का फिर से पंजीयन दे दिया गया। जाली दस्तावेज के आधार पर फिर से फर्म ने पंजीयन ले लिया और पहले की तरह का कारोबार किया।

झांसी राज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 डीके सचान ने बताया कि बोगस फर्माें की जांच के लिए अभियान चल रहा है। शक के आधार पर जांच की जा रही है। हाल में तीन फर्में फर्जी मिली हैं। इन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीयन कराया और टैक्स चोरी की। इन फर्माें का जीएसटी पंजीयन निरस्तीकरण के साथ उन फर्माें पर भी कार्रवाई की जा रही, जिन्हें माल बेचा गया है।
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