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Lalitpur News: अभिनव सिंह पर कसा पुलिस का शिकंजा, शस्त्र लाइसेंस जांच में जुटी टीम
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बहनोई के नाम से बनाए कूटरचित दस्तावेजों की जांच शुरू
पिस्टल खरीदने के लिए ली गई शस्त्र लाइसेंस भी जांच के दायरे में
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। अमेरिका में रह रहे अपने बहनोई की चिकित्सकीय डिग्री और पहचान का इस्तेमाल कर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट बनकर नौकरी करने के आरोप में जेल में बंद अभिनव सिंह पर अब पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस ने अभिनव सिंह द्वारा पिस्टल खरीदने के लिए ली गई शस्त्र लाइसेंस की जांच शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है।
मेडिकल कॉलेज में पिछले तीन वर्षों से बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता के नाम से कार्डियोलॉजिस्ट बनकर नौकरी कर रहा था। 10 दिसंबर को उसकी बहन डॉ. सोनाली सिंह अमेरिका से आकर डीएम और कॉलेज प्रधानाचार्य को शिकायत करने के बाद यह मामला सामने आया कि अभिनव सिंह इंजीनियर होते हुए भी डॉक्टर बनकर नौकरी कर रहा था।
वर्ष 1999 में कस्टम विभाग में घोटाले के बाद फरार हुए अभिनव सिंह को 2019 में सीबीआई की टीम ने मथुरा के एक मेडिकल कॉलेज से गिरफ्तार किया था, जिसमें उसे 16 माह की सजा भी हुई थी। डीएम ने एडीएम वित्त एवं राजस्व के नेतृत्व में जांच टीम गठित की थी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर कोतवाली सदर में प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी को जेल भेजा गया।
पुलिस की टीम बहनोई के नाम से बनवाए गए सभी दस्तावेजों वोटर आईडी, आधार कार्ड, बैंक खाता समेत अन्य जरूरी कागजात की पड़ताल कर रही है। जांच में यह भी सामने आया कि अभिनव सिंह ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर शस्त्र लाइसेंस बनवाया और पिस्टल खरीदी। इसके बाद पुलिस ने सभी दस्तावेज़ सुरक्षित कर आगामी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। अभिनव सिंह के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों से शस्त्र लाइसेंस बनवाने और पिस्टल खरीदने मामले में जल्द ही नई प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
मां की मौत होने की बात कहकर दिया इस्तीफा
अमेरिका से आई बहन की शिकायत के बाद अभिनव सिंह ने अपनी जीवित मां डॉ. हर्ष जैन को मृत दिखाकर 9 दिसंबर को सीएमओ को पत्र दिया और पद से इस्तीफा दे दिया ।
वर्जन
आरोपी अभिनव सिंह के द्वारा अपने बहनोई के नाम से बनवाए गए कूटरचित दस्तावेज का प्रयोग कर शस्त्र लाइसेंस बनवाने की जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
मोहम्मद मुश्ताक, एसपी
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पिस्टल खरीदने के लिए ली गई शस्त्र लाइसेंस भी जांच के दायरे में
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। अमेरिका में रह रहे अपने बहनोई की चिकित्सकीय डिग्री और पहचान का इस्तेमाल कर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट बनकर नौकरी करने के आरोप में जेल में बंद अभिनव सिंह पर अब पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस ने अभिनव सिंह द्वारा पिस्टल खरीदने के लिए ली गई शस्त्र लाइसेंस की जांच शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है।
मेडिकल कॉलेज में पिछले तीन वर्षों से बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता के नाम से कार्डियोलॉजिस्ट बनकर नौकरी कर रहा था। 10 दिसंबर को उसकी बहन डॉ. सोनाली सिंह अमेरिका से आकर डीएम और कॉलेज प्रधानाचार्य को शिकायत करने के बाद यह मामला सामने आया कि अभिनव सिंह इंजीनियर होते हुए भी डॉक्टर बनकर नौकरी कर रहा था।
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वर्ष 1999 में कस्टम विभाग में घोटाले के बाद फरार हुए अभिनव सिंह को 2019 में सीबीआई की टीम ने मथुरा के एक मेडिकल कॉलेज से गिरफ्तार किया था, जिसमें उसे 16 माह की सजा भी हुई थी। डीएम ने एडीएम वित्त एवं राजस्व के नेतृत्व में जांच टीम गठित की थी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर कोतवाली सदर में प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी को जेल भेजा गया।
पुलिस की टीम बहनोई के नाम से बनवाए गए सभी दस्तावेजों वोटर आईडी, आधार कार्ड, बैंक खाता समेत अन्य जरूरी कागजात की पड़ताल कर रही है। जांच में यह भी सामने आया कि अभिनव सिंह ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर शस्त्र लाइसेंस बनवाया और पिस्टल खरीदी। इसके बाद पुलिस ने सभी दस्तावेज़ सुरक्षित कर आगामी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। अभिनव सिंह के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों से शस्त्र लाइसेंस बनवाने और पिस्टल खरीदने मामले में जल्द ही नई प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
मां की मौत होने की बात कहकर दिया इस्तीफा
अमेरिका से आई बहन की शिकायत के बाद अभिनव सिंह ने अपनी जीवित मां डॉ. हर्ष जैन को मृत दिखाकर 9 दिसंबर को सीएमओ को पत्र दिया और पद से इस्तीफा दे दिया ।
वर्जन
आरोपी अभिनव सिंह के द्वारा अपने बहनोई के नाम से बनवाए गए कूटरचित दस्तावेज का प्रयोग कर शस्त्र लाइसेंस बनवाने की जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
मोहम्मद मुश्ताक, एसपी
