कांवड़ यात्रा के अनूठे रंग: बेटियों को कांवड़ में बैठाकर ला रहे पिता, संस्कार और संस्कृति का दे रहे संदेश
बच्चे लवियांश, दिव्यांश को पालकी में बैठाकर अपनी कांवड़ यात्रा पूरी कर रहे गौरव ने बताया कि कांवड़ यात्रा से बच्चों को अपने संस्कार और संस्कृति का ज्ञान मिलेगा। बताया कि देश में कोई औलाद से वंचित न रहे, इसी मनोकामना के साथ कांवड़ ला रहे हैं।
मोदीनगर निवासी ध्रुव का कहना है कि उसकी दो बेटियां ज्योति और वासु हैं। कहा कि समाज में आज भी ऐसे लोग हैं, जो बेटियों को गर्भ में ही मार देते हैं। बेटियां देवी का स्वरूप हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह बेटियों को भी बेटे जैसा सम्मान दें। ताकि, देश में बेटियों की कमी न हो।
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15 वर्ष बाद जोड़ा पूरा कर रहा दिव्यांग गोपाल
सुभाषपुरी स्थित श्मशान में रहने वाले 41 वर्षीय दिव्यांग गोपाल 15 वर्ष बाद अपना जोड़ा पूरा कर रहे हैं। गोपाल ने बताया कि जन्म से ही उनका एक पैर काम नहीं करता था। वह रिक्शा चालाकर अपना जीवन यापन करते थे। परंतु, एक दुर्घटना में उनका दूसरे पैर ने भी काम करना बंद कर दिया।
दिव्यांगता के कारण वह अपना जोड़ा पूरा नहीं कर सके, लेकिन इस बार उन्होंने कांवड़ लाकर जोड़ा पूरा करने की ठानी। उन्होंने भगवान आशुतोष से देश में सुख, शांति, खुशहाली की कामना की। कहा कि वह देश में मोदी, योगी की ही सरकार देखना चाहते हैं।
कांवड़ियों को वितरित किए फल
शिवभक्तों का सैलाब हाईवे पर उमड़ने लगा है। वहीं, आसपास रहने वाले लोग उनकी सेवा में जुट गए हैं। मंगलवार को रुहासा गांव निवासी समाजसेवी कपिल जाटव के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कांवड़ियों को फल वितरित किए। उनके साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी भगवान शिव के भक्तों की सेवा कर हिंद-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की। इस दौरान बॉबी चौधरी, जरीफ प्रधान, सहबा, सैफ, शरीफ, शारिक, विजय चौधरी, रोहताश, मोहित, शालू, जोगेंद्र, हना आदि मौजूद रहे। सकौती उपखंड कार्यालय पर विद्युत निगम के अधिकारियों ने भी शिवभक्तों को फल वितरित किए। इस दौरान कवितेंद्र बच्चस, शिवप्रकाश, शुभम, मनोज, राहुल, मोहित, सावन आदि मौजूद रहे।