UP News: वाराणसी में सर्दी में गर्मी जैसी बिजली खपत, ट्रिपिंग की भी बढ़ गई समस्या; अधिकारी बता रहे ये बड़ी वजह
वाराणसी जिले में ठंड बढ़ने के साथ ही बिजली खपत भी बढ़ गई है। ऐसे में शहर में ट्रिपिंग की समस्या भी बढ़ गई है। दिसंबर में 500 मेगावाट हर दिन की जरूरत होती है, जबकि आंकड़ा 550 के पार तक पहुंच गया है।
विस्तार
गर्मी में तो बेहतर बिजली आपूर्ति की समस्या रहती ही है, अब ठंड में भी आपूर्ति की व्यवस्था के बेपटरी होने से चुनौती बढ़ती जा रही है। स्थिति यह है कि पिछले छह दिन से जिले में बिजली खपत का लोड इतना बढ़ गया है, जैसे गर्मी के मौसम में देखने को मिलता है। औसतन दिसंबर के महीने में 500 मेगावाट हर दिन की खपत होती है। इस समय आंकड़ा इससे 50 मेगावाट से भी अधिक हो गया है। इस वजह से शहर से लेकर गांव तक ट्रिपिंग भी बढ़ गई है।
जिस तरह से दिन प्रतिदिन ठंड बढ़ती जा रही है, उससे घरों में हीटर, ब्लोअर सहित कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग बढ़ गया है। आम तौर पर दिसंबर के महीने में 450 से 500 मेगावाट तक बिजली की खपत होती है, लेकिन पिछले छह दिन से यह लगातार बढ़ रही है। 2024 में दिसंबर के महीने में 20 से अधिक दिन 400 से 450 मेगावाट आपूर्ति थी, लेकिन इस साल यह आंकड़ा 450 से बढ़कर 550 मेगावाट तक पहुंच गया।
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वैसे भी काशी में बिजली आपूर्ति की बात जब भी बैठकों में होती है, तो अधिकारियों की ओर से कटौती मुक्त होने की बात कही जाती है। इधर, आपूर्ति की व्यवस्था लड़खड़ा गई है। लहरतारा इलाके के महेशपुर, भिटारी से लेकर कंदवा, कंचनपुर, भगवानपुर आदि इलाकों में पिछले दो-तीन दिन से फाल्ट बढ़ने की वजह से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। उपकेंद्रों पर फोन करने पर कभी तार के ढीले होने को समस्या बताया जा रहा है, तो कहीं मेन सप्लाई बंद होने को वजह बताया जा रहा है। कंदवा और भगवानपुर कालोनी में दो दिन से बिजली की आवाजाही बनी हुई है।
ये भी जानें
| वर्ष | दिसंबर | नवंबर | अक्तूबर | सितंबर |
| 2024 | 536 | 485 | 680 | 788 |
| 2025 | 560 | 450 | 561 | 826 |
क्या बोले अधिकारी
सर्दी में अधिकांश जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग बढ़ जाता है। बिजली की खपत बढ़ने की यही बड़ी वजह है। जिले में बेहतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उपकेंद्रों से जुड़े अधिकारियों को मॉनीटरिंग करते रहने के निर्देश दिए गए हैं। -राकेश कुमार, मुख्य अभियंता
