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Varanasi Weather: बनारस में पहाड़ों जैसा कोहरा, रात में दृश्यता शून्य, सड़क हादसों में तीन की मौत

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Fri, 26 Dec 2025 02:49 PM IST
सार

Varanasi News: बनारस में पहाड़ों जैसा कोहरा छाया रहा, जिससे रात में दृश्यता शून्य रही। ऐसे में सड़क हादसों में तीन लोगों की जान चली गई। 

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fog in varanasi reducing visibility to zero at night and resulting in three deaths in road accidents
varanasi weather - फोटो : भैरव जायसवाल
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विस्तार
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काशी में पहाड़ों जैसा कोहरा दिखाई दिया। देर रात दृश्यता शून्य हो गई। गाड़ियां रात में रेंगती नजर आईं। लोग सड़क का किनारा पकड़कर चलते रहे। तेज पछुआ हवा के साथ करीब 6-9 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धुंध बहती रही। वहीं, कोहरे के कारण दो सड़क दुर्घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई।

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बृहस्पतिवार की देर रात करीब साढ़े आठ बजे तेज रफ्तार और कोहरे के चलते फुलवरिया ओवरब्रिज पर एक स्कॉर्पियो और स्कोडा कार और एक बाइक के बीच टक्कर हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि मोटरसाइकिल चालक चुनार निवासी अजय गुप्ता संतुलन खोकर ओवरब्रिज से नीचे गिर गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। वहीं कार सवार एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है।
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दूसरी तरफ रात करीब 11 बजे दानगंज चोलापुर थाना क्षेत्र के टिसौरा में सड़क हादसे में जीजा और साले की मौत हो गई। चोलापुर थाना क्षेत्र निवासी जगदीशपुर के सुभाष राजभर का बड़ा पुत्र 26 वर्षीय दीपक दानगंज में अपने नाना कल्पू राजभर के यहां रहकर दानगंज में मजदूरी करता था। दीपक अपने जीजा सतीश राजभर निवासी घोडदौड़ चंदवक जौनपुर के साथ बाइक से दानगंज से जगदीशपुर अपने घर वापस शाम को जा रहा था।

बाइक सतीश राजभर चल रहा था। कोहरे के कारण सामने आ रहे वाहन को अचानक पास में आ गया और उन्हें कुछ दिखा नहीं। उनकी बाइक अनियंत्रित हो गई और वह सड़क पर गिर पड़े। दीपक का स्वास्थ्य ठीक नहीं था तो जीजा सतीश ने साले दीपक को गमछे से खुद के साथ बांध रखा था। बाइक गिरने के बाद दोनों जब तक संभलते उसी दौरान पीछे से आ रहा कोई अज्ञात वाहन दोनों के ऊपर से निकल गया। इससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

चोलापुर थाना प्रभारी दीपक दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए। सुभाष राजभर का एक छोटा पुत्र पंकज है। थाना प्रभारी चोलापुर दीपक ने बताया कि सड़क हादसे में दोनों की मौत अज्ञात वाहन से हुई है।

दिल्ली से 10 घंटे बाद चली वंदे भारत, 9 घंटे की देरी से आई स्वतंत्रता सेनानी

पूर्वांचल और देश के अधिकांश हिस्सों में कोहरे का असर विमान और ट्रेन संचालन पर पड़ रहा है। पिछले एक सप्ताह से वंदे भारत सहित छह ट्रेनें देरी से वाराणसी पहुंच रही हैं। बृहस्पतिवार को नई दिल्ली से अपराह्न 3 बजे चलने वाली वंदे भारत ट्रेन 10 घंटे बाद ही चली। वहीं, स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस 9 घंटे की देरी से वाराणसी स्टेशन पहुंची।

सबसे अधिक ट्रेनें कानपुर से प्रयागराज और वाराणसी के बीच लेट हो रही हैं। वाराणसी और नई दिल्ली के बीच आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या हर दिन करीब 20 हजार से अधिक रहती है। यात्री अपनी सुविधा के अनुसार वाराणसी और बनारस स्टेशन पर आते हैं। पिछले एक सप्ताह से हर दिन वंदे भारत एक्सप्रेस के साथ ही राजधानी, शिवगंगा, स्वतंत्रता सेनानी, लिच्छवी एक्सप्रेस, नई दिल्ली बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस और श्रमजीवी एक्सप्रेस लेट हो रही हैं। कुछ ट्रेनें दिल्ली से समय पर खुलती हैं, लेकिन कानपुर और प्रयागराज होते हुए वाराणसी पहुंचने पर देर हो जाती हैं।

ट्रेनों की स्थिति

  • 22416 वंदे भारत एक्सप्रेस: नई दिल्ली से अपराह्न 3 बजे चलकर रात 11 बजे पहुंचना था। यह ट्रेन 10 घंटे बाद, 26 दिसंबर की रात 1 बजे दिल्ली से चली।
  • 12392 श्रमजीवी एक्सप्रेस: सुबह 2.35 बजे की जगह 2 घंटे 20 मिनट की देरी से 4.55 बजे वाराणसी पहुंची।
  • 14006 लिच्छवी एक्सप्रेस: सुबह 6 बजे से 2 घंटे 50 मिनट लेट होकर 8.50 बजे आई।
  • 12560 शिवगंगा एक्सप्रेस: सुबह 6.10 बजे की जगह 6 घंटे 10 मिनट की देरी से दोपहर 12.20 बजे पहुंची।
  • 12562 स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस: सुबह 8.05 बजे की जगह 9 घंटे 20 मिनट की देरी से शाम 5.25 बजे आई।
  • 12582 बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस: सुबह 10 बजे से 6 घंटे 45 मिनट लेट होकर शाम 4.45 बजे पहुंची।
  • 22177 महानगरी एक्सप्रेस (लोकमान्य तिलक टर्मिनस): सुबह 3.35 बजे से 1 घंटा 50 मिनट की देरी से 5.25 बजे आई।

शाम होते ही 5 से 7 डिग्री तक लुढ़क रहा तापमान 

एक समान पैटर्न के बजाय कहीं प्रचंड कोहरे के कारण दृश्यता शून्य रही, तो कहीं थोड़ा आगे बढ़ने पर 500 मीटर तक सड़क साफ दिखी। जिस तरह ऊंची पहाड़ियों से हवा के साथ कोहरा घाटियों में उतरता है, ठीक उसी तरह काशी में थोड़ी दूरी पर ही कोहरे के तेवर बदलते नजर आए।

पछुआ के साथ उड़ रहा कोहरा बर्फीले पानी की तरह शरीर के रोम-रोम में ठिठुरन भर दे रहा है। ठंड का असर और बढ़ता जा रहा है। कोहरा जैसे ही पड़ना शुरू हो रहा है, वैसे ही पारा अचानक 5–7 डिग्री तक लुढ़क जा रहा है। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, मैदानों में हवा के साथ उड़ता कोहरा पहाड़ों के मुकाबले अधिक खतरनाक होता है, क्योंकि पहाड़ी कोहरे में केवल पानी की बूंदें होती हैं, जबकि मैदानी हवा में पानी के साथ प्रदूषक तत्व भी शामिल होते हैं।

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फिर से दृश्यता 50 मीटर से नीचे
बृहस्पतिवार को जिले में रात 9 बजे तक ही दृश्यता शून्य के करीब पहुंच गई। इसके चलते काशी को एक बार फिर कोल्ड डे सिटी घोषित किया गया। न्यूनतम तापमान बुधवार के मुकाबले दो डिग्री नीचे लुढ़ककर 9.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। वहीं दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से 6.6 डिग्री नीचे 16.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कोल्ड डे के चलते काशी में कड़ाके की ठंड जारी है। जिले में अगले दो दिनों तक कोहरे का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
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