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Tilak Dwar: बीएचयू के कला शिक्षक की डिजाइन पर अयोध्या में बना तिलक द्वार, हनुमान गुफा मार्ग पर स्थापित है गेट

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Wed, 29 Oct 2025 07:58 PM IST
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सार

बीएचयू के कला शिक्षक की डिजाइन पर अयोध्या में तिलक द्वार बनाया गया। यह द्वार हनुमान गुफा मार्ग पर 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थापित है। प्रारंभ में इसे ‘दीप द्वार’ नाम दिया गया था, जिसे बाद में चयन समिति द्वारा ‘तिलक द्वार’ नाम प्रदान किया गया।
 

Tilak Dwar in Ayodhya built on design of an art teacher of BHU in varanasi
हनुमान गुफा मार्ग पर 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थापित है तिलक द्वार - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बीएचयू के कला शिक्षक की डिजाइन पर अयोध्या में तिलक द्वार बनाया गया है। दृश्य कला संकाय के व्यवहारिक कला विभाग के प्रो.मनीष अरोड़ा ने अपने शोध छात्र राहुल कुमार के साथ मिलकर जो डिजाइन तैयार किया है, उसी के आधार पर तिलक द्वार बनाया गया है। यह द्वार अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव पर हनुमान गुफा मार्ग पर 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर बनाया गया है।



अयोध्या में जिस डिजाइन पर तिलक द्वार बनाया गया है, उसके लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से पिछले साल देश के विभिन्न जगहों से डिजाइन आमंत्रित किए गए थे। प्रो. मनीषा अरोड़ा ने बताया कि बीएचयू की टीम ने दीपोत्सव के भाव को मूर्त रूप देने के विचार पर काम शुरू किया।
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फोटो- अयोध्या में तिलक द्वार बनाने वाले बीएचयू के प्रोफेसर मनीष अरोड़ा और शोध छात्र राहुल

प्रारंभ में इसे ‘दीप द्वार’ नाम दिया गया था, जिसे बाद में चयन समिति द्वारा ‘तिलक द्वार’ नाम प्रदान किया गया। यह नाम श्रीराम के मस्तक पर अंकित पवित्र तिलक से प्रेरित है, जो धर्म, विजय और मर्यादा का प्रतीक है।

भारत के अतीत, वर्तमान, भविष्य का प्रतीक है तिलक द्वार

प्रो.मनीष अरोड़ा ने बताया कि द्वार के शीर्ष पर स्थित तीन प्रतीक बनाए गए हैं, जो आलोकित स्तर भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य का प्रतीक हैं। इन सबके ऊपर उगता हुआ सूर्य सत्य की असत्य पर शाश्वत विजय का द्योतक है। वह तेजस्वी प्रकाश जो रघुवंशी परंपरा से उत्पन्न होकर सम्पूर्ण सृष्टि को आलोकित करता है।

द्वार के स्तंभों पर शंख, चक्र, गदा और पद्म अंकित हैं। यह जो भगवान विष्णु के प्रतीक हैं। यह स्मरण दिलाता है कि श्रीराम विष्णु के सप्तम अवतार हैं, करुणा, धर्म और न्याय के जीवंत स्वरूप। द्वार के मध्य में अंकित पवित्र लेख “राम नाम” यह सार्वभौमिक सत्य उद्घोषित करता है। “राम सबके हैं और सब राम के हैं।
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