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Successful rescue of five snakes that were seen for several days in the village of Dholu in Tohana
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टोहाना के धोलू गांव की ढाणी में कई दिनों से दिख रहे पांच सांपों का सफल रेस्क्यू
टोहाना उपमंडल के गांव धोलू की एक ढाणी में एक घर से रेस्क्यू टीम ने 5 सांपों को काबू किया है। जिसके बाद परिवार के लोगों व ग्रामीणों ने राहत की सांस की है। सहारा रेस्क्यू टीम ने सभी पांचों सांप को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया है। जानकारी अनुसार गांव के उक्त घर में बीते कई दिनों से सांपों की गतिविधियां देखी जा रही थीं। ग्रामीणों के अनुसार सांप अक्सर घर के आसपास दिखाई देते थे लेकिन तुरंत ही गायब हो जाते थे, जिससे लोगों को यह पता लगाना मुश्किल हो रहा था कि वे कहां छिप रहे हैं। परिवार लंबे समय से दहशत में जीवन यापन कर रहा था। उन्होंने सहारा स्नेक रेस्क्यू टीम के नवजोत सिंह ढिल्लों को सूचना दी। जैसे ही सूचना मिली, ‘स्नेक मैन’ नवजोत सिंह ढिल्लों तुरंत मौके पर पहुंचे और पूरे क्षेत्र की सूझबूझ से तलाशी शुरू की। प्रारंभ में घर के भीतर और आसपास में जब कुछ नहीं मिला तो उन्होंने पुराने गोबर के उपलों के ढेर को जांचना शुरू किया। नवजीत ने टीम के साथ जब एक-एक करके उपले उठाना शुरू किया, तो कई घंटे की मशक्कत के बाद वहां से सभी सांप दिखने शुरू हुए।
ढिल्लों ने सावधानीपूर्वक तीन इंडियन रेड स्नेक (स्थानीय नाम: ‘घोड़ा पछाड़’ या ‘दमन’) और दो इंडियन सैंड बोआ को रेस्क्यू किया।
नवजोत ढिल्लों ने बताया कि ये सभी सांप बिना विषैले होते हैं। हालांकि इनके काटने से हल्का संक्रमण हो सकता है, लेकिन जान का खतरा नहीं होता। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू किए गए सांप बेहद फुर्तीले और तेज़ होते हैं, जिनकी गति लगभग 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है। अगर ये एक बार हाथ से छूट जाएं, तो इन्हें दोबारा पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है।
नवजोत सिंह ढिल्लों ने कहा कि यह केस इसलिए भी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि सांप कई दिनों से दिख रहे थे लेकिन उनका ठिकाना पकड़ में नहीं आ रहा था। ऐसे तेज़-तर्रार सांपों को काबू में करना आसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि अगर किसी क्षेत्र में सांप दिखाई दें, तो खुद प्रयास न करें स्नेक रेस्क्यू टीम को बुलाएं।
रेस्क्यू के बाद सभी सांपों को सुरक्षित थैली में डालकर जंगल में छोड़ा गया है।
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