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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर बोला जुबानी हमला, जानें क्या कहा
नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार को एफआईआर करने की सनक सवार हो गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री होते हुए भी वे छोटे दिलवाले छुटभैया नेताओं के चंगुल में फंसकर वैसी ही हरकतें कर रहे हैं। उनकी नाकामी के खिलाफ जहां से भी कोई आवाज उठती है, सीधे मुकदमा कर दो, जेल में भेज दो, परिवार का बिजनेस है तो तबाह कर दो, परिजनों को परेशान करो यही नीति सरकार चला रही है।
बीते कल इस सरकार ने बच्चियों पर भी एफआईआर दर्ज कर दी। कारण केवल इतना था कि उन्होंने खाना नहीं मिलने की शिकायत की थी। कार्यक्रम में बच्चों को बुलाया गया, किसी तंत्र से भोजन का प्रबंध भी करवाया गया और बच्चियों को खाने के नाम पर घंटों धूप में बैठाया गया। जब उन्होंने विरोध किया तो उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कर दिया गया। कोई पत्रकार कुछ बोले तो उसके खिलाफ एफआईआर, कोई नेता बोले तो उसके खिलाफ मुकदमा, ताकि सरकार की नाकामी के खिलाफ कोई आवाज ही न उठ सके। जिनके खिलाफ मुकदमा न कर पाओ, उनके खिलाफ करोड़ों रुपये खर्च कर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए घटिया भाषा में सोशल मीडिया पर अभियान चलाओ और फिर भी उस पर कोई कार्रवाई न करवाओ। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री चाहे जितनी तानाशाही कर लें, लेकिन उन्हें यह याद रखना चाहिए कि तानाशाहों का अंत हमेशा बुरा होता है। उनकी हर कारगुजारी का पूरा हिसाब रखा जाएगा। ऐसे अधिकारी जो सरकार के टूल बनकर काम कर रहे हैं, उन्हें भी यह याद रखना चाहिए कि उनके हर फैसले की समीक्षा कभी भी हो सकती है। इसलिए अधिकारियों से मेरा आग्रह है कि अपनी सामर्थ्य, ज्ञान और विवेक का उपयोग प्रदेश के भले के लिए करें, जिसके लिए उन्हें कुर्सी पर बैठाया गया है। ऐसा कोई काम न करें जिससे बाद में उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़े। कहा कि जो सड़क 15 साल पहले बनी थी और आपदा में बह गई, उसे बनाने से सरकार क्यों रोक रही है? जबकि हाईकोर्ट के निर्देश एकदम स्पष्ट हैं। जिस स्थान पर सड़क बनने से सरकार रोक रही है, वहां तीन-तीन जिंदगियां दफन हैं। क्या सरकार की संवेदना और नैतिकता भी मर गई है कि वह लाशों को भी सम्मान न दे सके?
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