मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के तामिया ब्लॉक स्थित दलेलढाना गांव में डिप्थीरिया (गलाघोंटू) बीमारी ने एक ही परिवार के चार बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया। इनमें से दो बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि दो का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। मामले की जानकारी लगते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।
शुक्रवार रात बिगड़ी हालत, दो की गई जान
गांव के निवासी दुखलाल ककोडिया के छह बच्चों में से चार को शुक्रवार रात तेज बुखार और गले में दर्द की शिकायत हुई। हालत बिगड़ने पर उन्हें तत्काल जिला अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने एक बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बाकी तीन बच्चों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान एक और बच्चे की मौत हो गई।
बीमारी की पुष्टि, गांव में पहुंची स्वास्थ्य टीम
जांच में डॉक्टरों ने बताया कि सभी चारों बच्चे डिप्थीरिया से संक्रमित थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और हालात का जायजा लिया। आसपास के 29 बच्चों के नमूने लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं।
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टीकाकरण पर उठे सवाल
डॉक्टरों का कहना है कि डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है, जिससे बचाव के लिए समय पर टीकाकरण बेहद जरूरी है। आरएमओ डॉ. हर्षवर्धन कोडपे ने बताया कि संभव है बच्चों को समय पर टीके नहीं लगे हों, इसलिए वे इस बीमारी की चपेट में आ गए। मामले की पूरी जांच की जा रही है।
गांव में दहशत का माहौल
घटना के बाद दलेलढाना गांव में दहशत का माहौल है। स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर जाकर बच्चों की जांच शुरू कर दी है। माता-पिता को टीकाकरण और साफ-सफाई को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
क्या है डिप्थीरिया?